Bhartiya Parmapara

संकट चौथ व्रत – महत्व, कथा और पूजन विधि

भारतीय संस्कृति जो कि धर्म पर आधारित है इसलिए धार्मिक दृष्टि से व्रत का विधान भी है। प्राय: हर मास कोई ना कोई व्रत अवश्य पड़ता है।
चौथ का व्रत वैसे तो हर मास ही आता है और कुछ लोग हर मास की चौथ का व्रत करते हैं लेकिन इन चौथ में सबसे अधिक महत्व माघ मास की शुक्ल पक्ष...

ऋषि पंचमी – परंपरा और प्रेम का पवित्र सूत्र |...

वैदिक काल में जिसे हम रक्षासूत्र कहते थे उसे ही आजकल राखी कहा जाता है। मुझे याद है बचपन में हमारी बुआजी ऋषि पञ्चमी वाले दिन पहले पहले रेशम की पाँच या सात पतली रंगीन डोरियों से बनी रक्षासूत्र थोड़ा फैलाकर हम सभी के हाथ में बाँधती थी। बाद में हमारे आग्रह पर हमारी माताजी ने रेशमी फूँदों वाली राखी हमा...

सफला एकादशी व्रत: शुभता और सिद्धि का पर्व | S...

हिंदू धर्म में व्रत-उपवास की परंपरा अत्यंत प्राचीन और महत्त्वपूर्ण रही है। इन्हीं व्रतों में एक विशेष स्थान है एकादशी व्रत का। हर माह की दोनों पक्षों (शुक्ल और कृष्ण) में पड़ने वाली एकादशी, न केवल धार्मिक रूप से पूजनीय है, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी बेहद फलदायी...

देवोत्थान एकादशी – एक शुभ आरंभ का दिन

देवोत्थान एकादशी के महत्व को समझने से पहले यह जानना ज़रूरी है कि एकादशी व्रत क्या है और इसका हमारे जीवन में क्या स्थान है। भारतीय संस्कृति में एकादशी, जिसे ग्यारस भी कहा जाता है, अत्यंत पावन तिथि मानी गई है। हिन्दू धर्म में यह व्रत गहन श्रद्धा, भक्ति और अनुशासन के साथ...

अक्षय नवमी: प्रकृति पूजन और आंवला वृक्ष की पू...

कार्तिक का माह आते ही अनायास मन में नया उत्साह संचारित होने लगता है, उत्सवों का जो क्रम प्रारम्भ होता है वो सतत चलता रहता है और जन जीवन में नवीन ऊर्जा का प्रसारण करता है। इसी क्रम में दीपावली के नौ दिनों के पश्चात अक्षय नवमी के पर्व मनाया जाता है। अक्षय नवमी जिसे "आंव...

महालया से छठ पूजा तक – भारतीय पर्वों की आध्या...

दसे दशहरा, बीसे दिवाली, छऊवे छठ  हमारे सनातन समाज में बहुत ही प्रचलित उक्ति है जिससे श्रावण माह पश्चात आने वाले प्रमुख त्योहारों और उत्सवों के बारे में एक जानकारी मिलती है। क्योंकि श्रावण माह के बाद बाद आश्विन माह में १५ दिनों तक पितृ पूजन वाला कार्यक्रम चलता है...

नाग पंचमी | Naag Panchami

नाग पंचमी को एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। जिसमें नाग देवता की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन नाग देव की पूजा करने से काल सर्प दोष दूर होता है और सुख समृद्धि आती है। नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करते है, महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करना चा...

कजली तीज

कजली तीज हमारी भारतीय संस्कृति का एक परंपरागत लोक पर्व है। कजली तीज को बड़ी तीज, बूढ़ी तीज, तथा सातुड़ी तीज के नाम से जाना जाता है।

देव शयनी एकादशी | देवउठनी एकादशी | हरि प्रबोध...

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी हरिशयनी या पद्मा एकादशी कहा जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार 4 महीनों के लिए भगवान श्री विष्णु निद्रा में रहते हैं.जिसे हरिशयन काल कहते हैं। इन 4 महीनों में विवाह आदि जैसे कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.इसके बाद कार्तिक...

कृष्ण जन्माष्टमी – महत्व, कथा और उत्सव

भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला यह त्योहार बहुत ही विशेष है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु का अवतार माने जाने वाले भगवान श्री कृष्ण ने देवकी के आठवें पुत्र के रूप में कारागृह में मध्यरात्रि को जन्म लिया था। तभी से इस दिन को भारत और...

हरियाली अमावस्या | शिव भक्ति | सावन का मौसम

हरियाली अमावस, जिसे हम सभी श्रावण मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाते हैंl यह भारतवर्ष ही है जो किसी पर्व, त्योहार, उत्सवों के आगमन और प्रस्थान में भी समान रूप से अपने आराध्य का आराधक बना रहता है l जैसे पश्चिम दिशा में सूर्यास्त के समय में भी हम पूजा का थाल लिए ईश्वर...

गुप्त नवरात्रि की उपादेयता

हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार वर्ष में चार बार नवदुर्गा या नवरात्रि का आगमन क्रमशः - माघ, चैत्र, आषाढ़, आश्विन में होता है l चैत्र मास की नवरात्रि को बसंतोत्सव नवरात्रि अथवा बड़ी नवरात्रि कहा जाता है, आश्विन मास की नवरात्रि छोटी नवरात्रि कहलाती है l तथा शेष दो आषाढ़ और माघ की नवरात्रियाँ गुप्त नवर...

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