Bhartiya Parmapara

अनंत चतुर्दशी का महत्व | विष्णु जी की पूजा

गणपति जी विसर्जन के साथ साथ इस दिन भगवान विष्णु जी के अंनत स्वरूप की पूजा अर्चना भी की जाती है। अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु, यमुना नदी और शेषनाग जी की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत रखते है और अनंत सूत्र बांधते है जिससे जीवन के सभी कष...

ओणम पर्व इतिहास और महत्व

ओणम पर्व के साथ साथ चिंगम महीने में केरल में चावल की फसल का त्योहार और वर्षा के फूल का त्योहार मनाया जाता है। ओणम का पर्व भगवान् विष्णु के वामन अवतार से जुड़ा हुवा है, इस पर्व को केरल में राजा महाबलि के स्मृति में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व को लेकर जो कथा स...

परिवर्तिनी एकादशी | परिवर्तिनी एकादशी: महत्व,...

हिन्दू पंचांग में भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं| ऐसा माना जाता है कि इसी तिथि को भगवान विष्णु शयन अवस्था में अपना करवट बदलते हैं। भगवान विष्णु के एकादशी तिथि में अपना करवट बदलने या परिवर्तित करने के कारण ही इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा...

तेजादशमी पर्व

भारत के अनेक प्रांतों में तेजादशमी का पर्व श्रद्धा,आस्था एवं विश्वास के प्रतीकस्वरूप मनाया जाता है। मध्यप्रदेश,राजस्थान में गांव-गांव में तेजादशमी मनाई जाती है और इस दिन अनेक जगहों पर तेजाजी के मंदिरों में मेले लगाए जाते हैं। मान्यता है कि सर्पदंश से बचने के लिए वीर त...

गणपति बप्पा मोरया | जाने गणेश जी को "गणपति बप...

गणपति बप्पा से जुड़े इस मोरया नाम के पीछे एक गणेश भक्त ही है। चौदहवीं सदी में पुणे के पास चिंचवड़ में मोरया गोसावी नाम के प्रसिद्ध गणेश भक्त रहते थे। चिंचवड़ में इन्होंने कठोर गणेश साधना की और जीवित समाधि ली थी। तभी से यहां का गणेश मन्दिर देश भर में विख्यात हुआ और गणे...

गणेश उत्सव क्यों मनाते है - Why Celebrate Gan...

बहुत पहले की बात है जब सृष्टि की शुरुआत हुई थी तब यह सवाल उठा कि प्रथम पूजनीय किसे माना जाये? सभी देवगण भगवान शिव के पास गए और इस समस्या के लिए सुझाव माँगा तब शिव जी ने कहा कि जो भी देव पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करके सबसे पहले आएगा वो प्रथम पूजनीय होगा |

हरतालिका व्रत का महत्व | हरतालिका व्रत क्यों...

यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हस्त नक्षत्र के दिन आता है। इस दिन सुहागने और कुंवारी लड़किया गौरी-शंकर की पूजा करती हैं। मान्यता है कि हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और कुंवारी लड़कियों को मनचाहे...

पर्युषण पर्व | जैन समाज का पर्युषण पर्व क्यों...

दुनिया के सबसे प्राचीन धर्मो मे से एक जैन धर्म भी है जिसको श्रमणों का धर्म भी कहते है। जैन धर्म के प्रथम संस्थापक ऋषभ देव जी है, जो भारत के चक्रवर्ती सम्राट भरत के पिता थे। जैन धर्म में अब तक कुल 24 तीर्थंकर हुए हैं। जैन संस्कृति में जितने भी पर्व मनाए जाते हैं, उन सब...

महाराष्ट्र की महालक्ष्मी

महाराष्ट्रियन महिलाओं के लिए गणपति के दिनो में आनेवाला एक और महाउत्सव है वो है ‘महालक्ष्मी’! कहते है महालक्ष्मी ने महिलाओं के सुहाग की रक्षा करने के लिए असुरों का नाश किया था। इसीलिए उनको‘सुहागिन के सौभाग्य’ (सावशन्यांच्या सौभाग्याची) की गौरी भ...

रक्षाबंधन | राखी त्योहार के पीछे क्या तर्क है...

राखी के त्योहार को लेकर अपनी बहुत सारी कथाये सुनी होंगी, भगवन कृष्ण और द्रोपदी की, इन्द्र देव, लक्ष्मी माँ और राजा बलि की, इतिहास में भी सिकंदर और राजा पुरु, रानी कर्णावती और सम्राट हुमायु और भी बहुत सारी, सभी कथाओं का अपना अपना महत्व भी है। इन सभी कथाओं का सार यही नि...

देवी राधा का जन्मदिन | राधाष्टमी की पूजा विधि

राधाष्टमी यानी देवी राधा का जन्मदिन यह हर साल भाद्र शुक्ल अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवी राधा के जन्म स्थल बरसाना सहित पूरे ब्रजभूमि में उत्सव मनाया जाता है। लेकिन देश के दूसरे भागों में भी श्रद्धालु इस दिन व्रत और उपवास रखते हैं।

मारबत - नागपुर का मारबत पर्व

महाराष्ट्र में नागपुर शहर में तान्हा पोला के दिन मारबत निकलती है। मारबत याने बहोत बड़ा देविका रूप। यह त्योहार बुरी ताकतों और बीमारियों को दूर रखने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि शहर पर आनेवाला संकट, बीमारियाँ, बुरी ताकदो, शत्रुता सब को मा...

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