Bhartiya Parmapara

धर्म - धारण करना

धर्म शब्द "धृ" धातु से बना है, जिसका अर्थ होता है "धारण करना" यानी जो धारण किया जाए वह "धर्म" है। "धारण" करने से यहां अर्थ है, जीवन में धारण करना या जिस पर हमारा जीवन आधारित हो, वही हमारा "धर्म" है।

दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि...

जीवन में सत्संग बहुत जरूरी है

जिस तरह व्यापार के बही खातों के लिए एक मुनीम अर्थात अकाउंटेंट जरूरी होता है उसी तरह जीवन के लिए सत्संग भी अत्यंत आवश्यक है।

सेठजी पूरा विश्वास करते हुए अपने विश्वास पात्र मुनीम को अपने व्यवसाय का आर्थिक संतुलन उसके हाथों में सौंप द...

आलस्य (Laziness)

एक आलस्य वह होता है, जिसमें शरीर आराम ढूंढ़ता है और कोई भी शारीरिक क्रिया करने से शरीर इन्कार कर देता है...और, एक आलस्य दिमाग से होता है, जो सुस्त और ऊबा हुआ महसूस कराता है।

हमारे दिमाग ने अगर एक बार सोच लिया कि "मुझे कुछ समझ नहीं...

कृतज्ञता

"कृतज्ञता" एक सकारात्मक भावना है और यह तब पैदा होती है, जब हम यह स्वीकारते हैं कि ज़िन्दगी में अच्छाई है। 
जब हम यह भरोसा करते हैं, कि जीवन में अच्छाई पाने में हमें किसी व्यक्ति या अदृश्य शक्ति ने मदद की है, तब हम "कृतज्ञता" के भाव से भर जाते हैं।
यानी, जब...

निष्कामता

ऊपर वाले ने हम मनुष्यों के जीवन में सुख और दुःख दो ऐसी बातें स्थाई रूप से रखी हैं, कि यदि इन पर सही ढ़ंग से काम कर लिया जाए तो हम अपने मनुष्य होने का भरपूर आनन्द उठा सकते हैं.......कई बार जब जीवन में दुःख आता है तो हमें लगने लगता है कि ईश्वर ने हमें मनुष्य ही क्य...

भविष्य अपना क्या है? | तकनीक और मोबाइल लत का...

हम जो आजकल विज्ञान की अद्भुत शोध का उपयोग कर के जीवन को आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं क्या वह सिर्फ हमारी मदद ही करते हैं या हमारा वह नुकसान कर रहा हैं जो पीढ़ियों तक भरपाई नहीं हो पाएगी। जिसके लिए हम खुद जिम्मेदार हैं। कितने जिम्मेदार हैं ये तो भविष्य ही बताएगा। वैस...

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