Bhartiya Parmapara

कजली तीज

कजली तीज हमारी भारतीय संस्कृति का एक परंपरागत लोक पर्व है। कजली तीज को बड़ी तीज, बूढ़ी तीज, तथा सातुड़ी तीज के नाम से जाना जाता है।

देव शयनी एकादशी | देवउठनी एकादशी | हरि प्रबोध...

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी हरिशयनी या पद्मा एकादशी कहा जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार 4 महीनों के लिए भगवान श्री विष्णु निद्रा में रहते हैं.जिसे हरिशयन काल कहते हैं। इन 4 महीनों में विवाह आदि जैसे कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.इसके बाद कार्तिक...

कृष्ण जन्माष्टमी – महत्व, कथा और उत्सव

भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला यह त्योहार बहुत ही विशेष है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु का अवतार माने जाने वाले भगवान श्री कृष्ण ने देवकी के आठवें पुत्र के रूप में कारागृह में मध्यरात्रि को जन्म लिया था। तभी से इस दिन को भारत और...

हरियाली अमावस्या | शिव भक्ति | सावन का मौसम

हरियाली अमावस, जिसे हम सभी श्रावण मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाते हैंl यह भारतवर्ष ही है जो किसी पर्व, त्योहार, उत्सवों के आगमन और प्रस्थान में भी समान रूप से अपने आराध्य का आराधक बना रहता है l जैसे पश्चिम दिशा में सूर्यास्त के समय में भी हम पूजा का थाल लिए ईश्वर...

गुप्त नवरात्रि की उपादेयता

हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार वर्ष में चार बार नवदुर्गा या नवरात्रि का आगमन क्रमशः - माघ, चैत्र, आषाढ़, आश्विन में होता है l चैत्र मास की नवरात्रि को बसंतोत्सव नवरात्रि अथवा बड़ी नवरात्रि कहा जाता है, आश्विन मास की नवरात्रि छोटी नवरात्रि कहलाती है l तथा शेष दो आषाढ़ और माघ की नवरात्रियाँ गुप्त नवर...

निर्जला एकादशी | निर्जला एकादशी की कथा

निर्जला एकादशी से संबंधित दो पौराणिक कथाएं हैं और दोनों कथाएं ही अपने मूल रूप में पांडव पुत्र भीमसेन और महर्षि व्यास की वार्ता से संबंधित है | दोनों ही कथा का संयुक्त रूप सारांश इस प्रकार है - एक बार महर्षि व्यास सभी पांडु पुत्रों (युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव)...

वट सावित्री व्रत | वट सावित्री व्रत का महत्व

भद्र देश में अश्वपति नाम का एक राजा था। बहुत पूजा, पाठ करके भगवान सावित्री के आशीर्वाद और वरदान से उनको एक सुंदर, सुशील, गुणवान कन्या हुई उसका नाम सावित्री रखा गया। सावित्री की शादी की उम्र होने पर योग्य वर न मिलने की वजह से सावित्री के पिता ने उसे ही अपना जीवन साथी ख...

राम की शक्ति पूजा और नवरात्रि का आरंभ | रामनव...

राम की शक्ति पूजा जिसे नवरात्रि का आरंभ भी माना जाता है और इस कथा को अपने खूबसूरत शब्द - विन्यास, वाक्य - विन्यास के साथ प्रस्तुत किया है मां बागेश्वरी के सुयोग्य पुत्र- महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला l निराला जी की कृति राम की शक्ति पूजा की आरंभिक पंक्तियां- "रवि...

अक्षय फलदायक पर्व है अक्षय तृतीया

वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को बसंत ऋतु का समापन होकर ग्रीष्म ऋतु का प्रारम्भ होता है और इसी दिन को हम सनातनी 'अक्षय तृतीया' या 'आखा तीज' के रूप में मनाते हैं। यह दिन अबूझ या सर्वसिद्ध या स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में माना गया है, इसलिये सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का दिन बेहद शुभ माना जाता...

सौभाग्य को बनाये रखने हेतु मनाया जाता है गणगौ...

होलिका दहन के दूसरे दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से चैत्र शुक्ल तृतीया तक, १८ [अठारह ] दिनों तक मनाया जाता है - यह आस्था, प्रेम और पारिवारिक सौहार्द का सबसे बड़ा उत्सव है। चूँकि, बीते दो साल से कोरोना महामारी के चलते यह उत्सव बन्द कमरे तक सीमित करना पड़ा था इसलिये इस बार स...

महाशिवरात्रि का महत्व | महा शिवरात्रि का व्रत...

भारतीय हिंदू संस्कृति, परंपराओं एवं सनातन धर्म में महाशिवरात्रि के पर्व का अत्यधिक महत्व है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा एवं आराधना की जाती है। शिव का शाब्दिक अर्थ होता है - कल्याण एवं रा का अर्थ है - दानार्थ धातु, इन्हीं दोनों के मेल से शिवरात्रि शब्द बना है जिसका...

जया एकादशी का महत्व | जया एकादशी व्रत

माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है जया एकादशी के दिन व्रत रखने से एवं भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मृत्यु के उपरांत स्वर्ग की प्राप्ति के लिए जया एकादशी का व्रत एवं जया एकादशी व्रत कथा का पाठ...

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