हम में से बहुत कम लोग यह जानते है कि एक साल में 4 बार नवरात्रि पड़ते हैं। साल के प्रारम्भ में पहले माह चैत्र में पहली नवरात्र होती है, फिर चौथे माह आषाढ़ में दूसरी नवरात्र पड़ती है, इसके बाद अश्विन माह में प्रमुख शारदीय नवरात्र होती है और साल के अंतिम माघ माह में गुप्...
दीपोत्सव सनातनी भारतीयों द्वारा पांच दिनों तक हर्षोल्लास से मनाया जाने वाला वैज्ञानिकता से अनुप्राणित अनुपम सांस्कृतिक पर्व है। यह ईश्वरीय मानव रूप द्वारा किए किये अच्छे कार्यों का स्मरण तथा स्तुति है। दीप पर्व समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक है, यह बताता है कि जो भी स...
स्कंद पुराण के अनुसार माँ शीतला दुर्गा और माँ पार्वती का ही अवतार हैं। ये प्रकृति की उपचार शक्ति का प्रतीक हैं। इस दिन भक्त अपने बच्चों के साथ माँ की पूजा आराधना करते हैं जिसके फलस्वरूप परिवार प्राकृतिक आपदा तथा आकस्मिक विपत्तियों से सुरक्षित रहता है।
हम प्रत्येक त्यौहार बड़े उत्साह से मनाते हैं।
नाग पंचमी से लेकर ऋषि पंचमी, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी और अनंत चौदस त्योहार के बाद बारी आती है, पितरों को तृप्त करने की श्राद्ध की। हमारी भारतीय संस्कृति अनूठी अद्भुत है। हमारी परंपरा हमे बड़ो का आदर और सम्मान करना...
हिंदू धर्म में पूर्णमासी का अपना विशेष महत्व होता है। प्रत्येक महा पूर्णमासी आती है और धर्मपरायणया लोग पूर्णमासी के दिन सत्यनारायण भगवान का व्रत कथा पूजन करते हैं प्रत्येक पूर्णिमा का अपना महत्व तो है ही लेकिन शरद पूर्णमासी का अपना एक विशेष महत्व हमारे हिंदू धर्म एवं...
इस दिन द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। जिन्हे शेषनाग का अवतार भी माना जाता है। बलराम जी का शस्त्र हल और मूसल है इसीलिए इन्हें "हलधर" भी कहा जाता है, साथ ही "संकर्षण, हलायुध, रोहिणीनन्दन, काम और नीलाम्बर" आदि नामों से भी जाना जाता है।...
शिव आराधना का श्रावण मास आस्था और विश्वास के साथ ही प्रकृति के सुंदरतम श्रृंगार का मनभावन मौसम है। तृप्त धरा चारों और हरियाली की लहराती चुनर में इठलाती है। नदियों में ऊँची-ऊँची उठती लहरें और झरनों का सुमधुर कलरव हर मन को आकर्षित करता है।
अक्षय तृतीया या अखा तीज वैशाख शुक्ल तीज को कहते हैं। हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किया जाता है उसका अच्छा फल या परिणाम होता है इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहते हैं। वैसे धार्मिक दृष्टि से प्रत्येक मास के तृतीया का अपना महत्व होता है, अक्ष...
आ गया फागुन मास ढोलक की थाप मंजीरे और झांझ की मधुर ध्वनि के साथ होली गायन का मौसम। होली राग रंग का लोकप्रिय पर्व वसंत का संदेशवाहक भी है संगीत और रंग इसके प्रमुख अंग हैं। होली गायन की परंपरा प्राचीन काल से है बसंत पंचमी से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है।
कहा जाता है कि आदि अनादि काल तक शिव ही सत्य है। भगवान शिव के प्रति सबको सच्ची आस्था है इसलिए ही शक्ति स्वरूप शिव-शंकर को अनंत माना गया है। पुराणों के अनुसार भगवान शिव को सृष्टि के सृजनकर्ता कहा गया हैं जिनकी पूजा और भक्ति से हमारे समस्त कष्ट दूर हो जाते है। शिव जिनसे...
यूँ तो सृष्टि के कण-कण में ईश्वर का वास है। लेकिन सूर्य और चन्द्रमा ईश्वर के दिव्यचक्षु सदृश है। जब-जब सूर्य की स्थिति में परिवर्तन होता है, हम प्रभावित होते हैं। ऐसा ही एक त्योहार हैं मकर संक्रांति, शीत ऋतु के पौष मास में जब भगवान सूर्य उत्तरायण होकर मकर राशि में प्र...
भारतीय संस्कृति जो कि धर्म पर आधारित है इसलिए धार्मिक दृष्टि से व्रत का विधान भी है। प्राय: हर मास कोई ना कोई व्रत अवश्य पड़ता है।
चौथ का व्रत वैसे तो हर मास ही आता है और कुछ लोग हर मास की चौथ का व्रत करते हैं लेकिन इन चौथ में सबसे अधिक महत्व माघ मास की शुक्ल पक्ष...
