Bhartiya Parmapara

Usha Chaturvedi

Usha Chaturvedi
Usha Chaturvedi

जन्म तिथि - 1-1-1950

शैक्षिक योग्यता - एमए, बी.एड, एलएलबी

पति का नाम - श्री भरत चतुर्वेदी एडवोकेट

लेखन कार्य - गद्य विधा, लघुकथा, निबंध, परिचर्चा, संस्मरण, हाइकु, कविता, बाल साहित्य आदि।

पिछला गतिविधियाँ: - प्रधानाध्यापिका भारती निकेतन हाई सेकेंडरी स्कूल, बीएचईएल, भोपाल - 10 वर्षों तक भोपाल नगर निगम की पार्षद, दो बार मध्य प्रदेश राज्य समाज कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष - मध्य प्रदेश राज्य बाल संरक्षण और बाल अधिकार आयोग विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के सदस्य: - प्रारंभ चैरिटेबल फाउंडेशन - दुष्यन्त कुमार पांडुलिपि संग्रहालय - मध्य प्रदेश हिंदी लेखक संघ - मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति - शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली - संस्कार मंथन त्रैमासिक पत्रिका का मार्गदर्शक

हमारे लोक पर्व - सांझी माता या चंदा तरैया

हमारे लोक पर्व - सांझी माता या चंदा तरैया

सांझी माता का पर्व भाद्रपद की पूर्णिमा से लेकर अश्विन मास की अमावस्या तक मनाया जाता है। यह पर्व विशेषकर कुंवारी कन्याओं का होता है और पूरे पितृपक्ष के 16 दिनों तक चलता...

दीपावली का प्रारंभ दिवस - धनतेरस

दीपावली का प्रारंभ दिवस - धनतेरस

धनतेरस कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है इस दिन अर्थात धनतेरस को भगवान धन्वंतरी का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को “धनतेरस अथवा धनत्रयो...

हरतालिका तीज

हरतालिका तीज

हरतालिका तीज वास्तव में 'सत्यम शिवम सुंदरम' के प्रति आस्था और प्रेम का व्यवहार है। वास्तव में हरतालिका तीज सुहागन का त्यौहार है। भारतीय संस्कृति एवं हिंदू धर्म में महिल...

वट सावित्री व्रत

वट सावित्री व्रत

वट सावित्री का व्रत अपने आप में एक विशेषता लिए हुए हैं। यह व्रत किस तिथि को किया जाता है इस संबंध में दो मत है। पहला विचार स्कंद पुराण तथा भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ज...

सनातन संस्कृति में व्रत और त्योहारों के तथ्य

सनातन संस्कृति में व्रत और त्योहारों के तथ्य

हिंदू संस्कृति में पशु पक्षी वनस्पति जीव जंतु प्रकृति नदियां शैल शिखर सभी से आत्मीय संबंध जोड़ने का प्रयास किया था। व्रत उपवास और भारतीय त्योहार हमारी संस्कृति के...

विवाह संस्कार की उत्पत्ति प्रकार नियम एवं रिवाजें

विवाह संस्कार की उत्पत्ति प्रकार नियम एवं रिवाजें

हमारी भारतीय संस्कृति में जन्म से लेकर मृत्यु तक मानव के सोलह संस्कार होते हैं। विवाह एक महत्वपूर्ण संस्कार जो मानव का त्रयोदश संस्कार है। विवाह प्रथा के पूर्व की स्थित...

वैदिक काल में स्त्रियों का स्थान – समान अधिकार और आध्यात्मिक ज्ञान

वैदिक काल में स्त्रियों का स्थान – समान अधिकार और आध्यात्मिक ज्ञान

वैदिक काल प्राचीन भारतीय संस्कृति का एक कालखंड या एक निश्चित समय काल है। वैदिक काल में ही हमारे वेदों की रचना की गई। वेदों का आधारभूत ढाँचा होने के कारण इसे वैदिक काल क...

अक्षय तृतीया: महत्व, पूजा विधि, कथा और शुभ संयोग | Akshaya Tritiya

अक्षय तृतीया: महत्व, पूजा विधि, कथा और शुभ संयोग | Akshaya Tritiya

अक्षय तृतीया या अखा तीज वैशाख शुक्ल तीज को कहते हैं। हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किया जाता है उसका अच्छा फल या परिणाम होता है इसी कारण...

वैदिक काल की विदुषी : गार्गी और मैत्रेयी

वैदिक काल की विदुषी : गार्गी और मैत्रेयी

विदुषी गार्गी एवं विदुषी मैत्रेयी के ऊपर चर्चा करने से पहले मैं बताना चाहती हूँ विदुषी शब्द का अर्थ क्या होता है, विदुषी का अर्थ एक ऐसी स्त्री जो बहुत विद्वान हो ऋग्वेद में विदुषी स्त्री को ऋषि कहत...

रंगारंग होली के गीत – रसिया और परंपरागत धुनों का उत्सव

रंगारंग होली के गीत – रसिया और परंपरागत धुनों का उत्सव

आ गया फागुन मास ढोलक की थाप मंजीरे और झांझ की मधुर ध्वनि के साथ होली गायन का मौसम। होली राग रंग का लोकप्रिय पर्व वसंत का संदेशवाहक भी है संगीत और रंग इसके प्रमुख अंग है...

संकट चौथ व्रत – महत्व, कथा और पूजन विधि

संकट चौथ व्रत – महत्व, कथा और पूजन विधि

भारतीय संस्कृति जो कि धर्म पर आधारित है इसलिए धार्मिक दृष्टि से व्रत का विधान भी है। प्राय: हर मास कोई ना कोई व्रत अवश्य पड़ता है।
चौथ का व्रत वैसे तो हर मास ही आता...

सफला एकादशी व्रत: शुभता और सिद्धि का पर्व | Saphala Ekadashi

सफला एकादशी व्रत: शुभता और सिद्धि का पर्व | Saphala Ekadashi

हिंदू धर्म में व्रत-उपवास की परंपरा अत्यंत प्राचीन और महत्त्वपूर्ण रही है। इन्हीं व्रतों में एक विशेष स्थान है एकादशी व्रत का। हर माह की दोनों पक्षों (शुक्ल और कृष्ण) म...

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