महाराष्ट्रीयन त्योहार 'गुढीपाडवा' गुढी याने लकड़ी का बांबू और प्रतिपदा तिथि याने पाडवा। महाराष्ट्र के राजा शालीवाहन ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा इस दिन से काल गनना शुरू की थी, यह पर्व गुढीपाड़वा के नाम से मनाया जाता है। इसके अलावा यह त्योहार कर्नाटक और आंध्रप्रदेश इन राज्य...
हमारे भारत देश की बात ही अलग है, यहां ऋतु परिवर्तन भी, त्योहारों के आरंभ से होता है। सप्तमी पूजन के लिए नैवेद्य छठ के दिन दही चावल का मिष्ठान (जिसे औलिया कहा जाता हैं) और गेहूं के आटे और गुड़ के मीठे गुलगुले और सब्जी पूरी, पकौड़ी, पापड़ी आदि व्यंजन बनाए जाते हैं और सप...
हनुमान जयन्ती एक हिन्दू पर्व है। यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ माना जाता है। हनुमान जी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माना जाता है। हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है। पहली हिन्दू कैलेंडर के अनुसार च...
होली के पर्व की तरह इसकी परंपराए भी अत्यंत प्राचीन हैं साथ ही इसका स्वरूप और उद्देश्य समय के साथ बदलता रहा है। प्राचीन काल में यह विवाहित महिलाओं द्वारा परिवार की सुख समृद्धि के लिए मनाया जाता था। पर्व का पहला दिन होलिका दहन का दिन कहलाता है। होली पूजा वाले दिन संध्या...
भारत त्योहारों का देश है। पूरे साल कई बड़े त्योहार देशवासी पुरे उत्साह के साथ मनाते है। उन्हीं में से एक होली का त्योहार है। राग और रंगों के इस त्योहार में लोग गीले-शिकवे भूलकर एक दूसरों को गले लगाते है और खूब मौजमस्ती भी करते है। भारत के अलावा नेपाल में भी पुरे उत्सा...
ब्यावर का ऐतिहासिक बादशाह मेला राजस्थान की रंग-बिरंगी संस्कृति की झलक प्रस्तुत करते हुए कौमी एकता का संदेश देता है। बादशाह मेलें के दौरान बादशाह की सवारी में शामिल होकर लाल रंग की गुलाल की खर्ची को पाने के लिए यहां हजारों की संख्या में सभी धर्म, जाति एवं वर्ग के लोग ज...
जैसा कि हम जानते हैं भारत देश त्योहारों का देश है और हर त्योहार के पीछे कोई न कोई वजह या परंपरा जरूर होती है, मार्च महीना चल रहा हैं, बसंत का आगाज हो चुका है, आम के पेड़ों पर मोड़ (आम के फूल) आ गए हैं और प्रकृति ने चारों और रंग बिखेर दिया है।
हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि होती है, किंतु यह माना जाता है कि फाल्गुन के कृष्ण चतुर्दशी को आने वाली शिवरात्रि सबसे बड़ी होती है।इसलिए इसे महाशिवरात्रि कहा जाता है। हिंदू पुराणों के अनुसार इस तिथि को भगवान शिव के मूलभौतिक स्वरूप याने शिवलिंग का प्राकट...
रामदेव जी (बाबा रामदेव, रामसा पीर, रामदेव पीर) बाबा को पीरो के पीर रामसा पीर की उपाधी से नवाजा गया है | राजस्थान के एक प्रसिद्ध लोक देवता हैं जिनकी पूजा सम्पूर्ण राजस्थान, गुजरात समेत कई भारतीय राज्यों में की जाती है। रामदेव जयंती, अर्थात् बाबा के जन्मदिवस पर प्रतिवर्...
विद्या की देवी सरस्वती के जन्मदिवस के रूप में बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है जो बसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है। प्राचीन भारत में पूरे साल को जिन छह मौसमों में बाँटा गया है उनमें वसंत ऋतु सभी लोगों का मनचाहा मौसम है। इस मौसम में फूलों पर बहार आती है, खेतों में स...
एक बार माँ पार्वती ने श्री गणेश से पूछा, हे पुत्र! माघ बदी चौथ जिसे तिल चौथ, माही चौथ और संकट चौथ भी कहा जाता है के व्रत का विधान क्या है और इस चौथ का नाम तिल चौथ क्यों हुवा? तब रिद्धि सिद्धि के दाता गजानन ने बताया कि इस व्रत को करने से समस्त बाधाये दूर होती है साथ ही संतान की प्राप्ति के लिए तिल...
सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण करना (प्रवेश करना) संक्रांति कहलाता है, मकर संक्रांति के माध्यम से भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की झलक विविध रूपों में देखी जा सकती है। जब सूर्य पौष माह से धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर-संक्रांति होती है।...
