भारत त्योहारों का देश है। पूरे साल कई बड़े त्योहार देशवासी पुरे उत्साह के साथ मनाते है। उन्हीं में से एक होली का त्योहार है। राग और रंगों के इस त्योहार में लोग गीले-शिकवे भूलकर एक दूसरों को गले लगाते है और खूब मौजमस्ती भी करते है। भारत के अलावा नेपाल में भी पुरे उत्सा...
ब्यावर का ऐतिहासिक बादशाह मेला राजस्थान की रंग-बिरंगी संस्कृति की झलक प्रस्तुत करते हुए कौमी एकता का संदेश देता है। बादशाह मेलें के दौरान बादशाह की सवारी में शामिल होकर लाल रंग की गुलाल की खर्ची को पाने के लिए यहां हजारों की संख्या में सभी धर्म, जाति एवं वर्ग के लोग ज...
जैसा कि हम जानते हैं भारत देश त्योहारों का देश है और हर त्योहार के पीछे कोई न कोई वजह या परंपरा जरूर होती है, मार्च महीना चल रहा हैं, बसंत का आगाज हो चुका है, आम के पेड़ों पर मोड़ (आम के फूल) आ गए हैं और प्रकृति ने चारों और रंग बिखेर दिया है।
हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि होती है, किंतु यह माना जाता है कि फाल्गुन के कृष्ण चतुर्दशी को आने वाली शिवरात्रि सबसे बड़ी होती है।इसलिए इसे महाशिवरात्रि कहा जाता है। हिंदू पुराणों के अनुसार इस तिथि को भगवान शिव के मूलभौतिक स्वरूप याने शिवलिंग का प्राकट...
रामदेव जी (बाबा रामदेव, रामसा पीर, रामदेव पीर) बाबा को पीरो के पीर रामसा पीर की उपाधी से नवाजा गया है | राजस्थान के एक प्रसिद्ध लोक देवता हैं जिनकी पूजा सम्पूर्ण राजस्थान, गुजरात समेत कई भारतीय राज्यों में की जाती है। रामदेव जयंती, अर्थात् बाबा के जन्मदिवस पर प्रतिवर्...
विद्या की देवी सरस्वती के जन्मदिवस के रूप में बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है जो बसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है। प्राचीन भारत में पूरे साल को जिन छह मौसमों में बाँटा गया है उनमें वसंत ऋतु सभी लोगों का मनचाहा मौसम है। इस मौसम में फूलों पर बहार आती है, खेतों में स...
एक बार माँ पार्वती ने श्री गणेश से पूछा, हे पुत्र! माघ बदी चौथ जिसे तिल चौथ, माही चौथ और संकट चौथ भी कहा जाता है के व्रत का विधान क्या है और इस चौथ का नाम तिल चौथ क्यों हुवा? तब रिद्धि सिद्धि के दाता गजानन ने बताया कि इस व्रत को करने से समस्त बाधाये दूर होती है साथ ही संतान की प्राप्ति के लिए तिल...
सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण करना (प्रवेश करना) संक्रांति कहलाता है, मकर संक्रांति के माध्यम से भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की झलक विविध रूपों में देखी जा सकती है। जब सूर्य पौष माह से धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर-संक्रांति होती है।...
हिंदू कैलेंडर के कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (चौदहवें दिन) पर होती है। यह दीपावली के पांच दिवसीय महोत्सव का दूसरा दिन है। नरक चतुर्दशी को काली चौदस, रूप चौदस, छोटी दीवाली या नरक निवारण चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है। हिन्दू साहित्य के अनुसार असुर (राक्...
देव दिवाली का त्योहार कार्तिक पूर्णिमा पर भारत वर्ष में उत्तर प्रदेश के वाराणसी (काशी और बनारस पुराने नाम) मे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह विश्व के सबसे प्राचीन शहर काशी की संस्कृति एवं परम्परा की अनूठी मिसाल है। यह त्योहार दीपावली के पंद्रह दिन बाद आता है। माना ज...
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ पंचमी का त्योहार मनाया जाता है जिसे "सौभाग्य पंचमी", "लखेनी पंचमी" और "ज्ञान पंचमी" के नाम से भी जाता है। यह शुभ तिथि दिवाली पर्व का ही एक हिस्सा है कुछ स्थानों पर दीपावली के दिन से नववर्ष की शुरुआत के साथ ही सौभाग्य पंचम...
छठ पूजा सूर्य, उषा, प्रकृति, जल, वायु और उनकी बहन छठी मइया को समर्पित है ताकि उन्हें पृथ्वी पर जीवन देने के लिए धन्यवाद और शुभकामनाएं देने का अनुरोध किया जाए। छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला लोक पर्व है, जिसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होती है और समापन कार्...
