Bhartiya Parmapara

चैत्र नवरात्रि का महत्व

हिंदू धर्म में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा का जन्म हुआ था और मां दुर्गा के कहने पर ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसीलिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिन्दू वर्ष शुरू होता है। कई स्थानों पर इसे “गुड़ी पड़वा” भी क...

श्री लक्षेश्वर - महाशिवरात्रि पर्व

वैसे तो पूरा साल श्री लक्षेश्वर में दर्शनार्थियों का आना जाना लगा रहता है, किन्तु अनेक भव्य उत्सवों में यहाँ का एक भव्य उत्सव याने श्री महाशिवरात्रि यात्रा महोत्सव! माह महीने की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को आने वाली शिवरात्रि अर्थात महाशिवरात्रि!  महाशिवरात्रि का यह...

होली क्यों मनाते है? | होली का महत्व

भारत के अन्य त्योहारों की तरह होली का त्योहार भी बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, जिसे रंगों के त्योहार के रूप में फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली रंगों के साथ साथ वसंत ऋतु के समान हँसी-खुशी का त्योहार है। वसंत की ऋतु में हर्षोल्लास के साथ मन...

नीम की डाली / टहनी से बड़ी (सातुड़ी) तीज की प...

हिन्दू धर्म में त्योहारों का बड़ा महत्व है। उसमे भी सावन का महीना मस्ती, प्रेम और उत्साह का महीना माना जाता है। इस महीने में महिलाओं का सौंधा-सा पर्व सातुड़ी तीज रक्षाबंधन के तीसरे दिन के बाद आती है। वास्तव में इस मौसम में तीज व्रत मनाने का अवसर तीन बार आता है। हरियाल...

आदि पेरुक्कु का त्योहार | तमिलनाडु का मानसून...

आदि पेरुक्कु पर्व समृद्धि और उर्वरता का प्रतिक है जिसे तमिलनाडु में मानसून त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व तमिल महीने के 18 वें दिन मनाया जाता है।महिलाओं द्वारा मनाए जाने वाले इस पर्व के दिन जल-अनुष्ठान के रूप में, प्रकृति का सम्मान किया जाता है। इस दिन उफनत...

भाई दूज (यम द्वितीया): भाई-बहन के प्रेम, परंप...

भारतीय संस्कृति एवं हिंदू धर्मानुसार भाई बहन के प्यार निश्चय प्रेम की तीन तिथियां होती है। रक्षाबंधन, होली की दूज, तथा दीपावली के बाद भाई दूज। यह तीनों तिथियों का मूल दर्शन एवं भाव भाई बहन के प्यार को स्थायित्व देना है।

हम सभी जानत...

अनंत चतुर्दशी व्रत कथा, पूजा विधि और 14 गांठो...

अनंत चतुर्दशी पर्व के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। इतना ही नहीं, इस दिन 14 गांठों वाला अनंत सूत्र भी बांधा जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है और हाथ में 14 गांठों वाला सूत्र बांधा जाता है। आइए जानते हैं इन 14 गां...

जितिया व्रत कथा - संतान की दीर्घायु के लिए पू...

व्रत :-जितिया। 
मनोकामना :- वंश वृद्धि ,संतान दीर्घायु हो। 
पूजन :-शिव -पार्वती, गणेश के साथ जितबानन गोसाई की पूजा। 
विधि:- निर्जला उपवास। नदी के तट पर कथा सुनना। पार्वती माँ की शृंगार सामग्री के साथ गणेश जी के लिए कुछ खिलौने, प्रसाद, दान -दक्ष...

नवरात्रि का महत्व | साल में कितनी बार नवरात्र...

हम में से बहुत कम लोग यह जानते है कि एक साल में 4 बार नवरात्रि पड़ते हैं। साल के प्रारम्भ में पहले माह चैत्र में पहली नवरात्र होती है, फिर चौथे माह आषाढ़ में दूसरी नवरात्र पड़ती है, इसके बाद अश्विन माह में प्रमुख शारदीय नवरात्र होती है और साल के अंतिम माघ माह में गुप्...

दीपोत्सव: संस्कार, सामाजिकता और विज्ञान का सं...

दीपोत्सव सनातनी भारतीयों द्वारा पांच दिनों तक हर्षोल्लास से मनाया जाने वाला वैज्ञानिकता से अनुप्राणित अनुपम सांस्कृतिक पर्व है। यह ईश्वरीय मानव रूप द्वारा किए किये अच्छे कार्यों का स्मरण तथा स्तुति है। दीप पर्व समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक है, यह बताता है कि जो भी स...

शीतला सप्तमी व्रत कथा, पूजा विधि और महत्व

स्कंद पुराण के अनुसार माँ शीतला दुर्गा और माँ पार्वती का ही अवतार हैं। ये प्रकृति की उपचार शक्ति का प्रतीक हैं। इस दिन भक्त अपने बच्चों के साथ माँ की पूजा आराधना करते हैं जिसके फलस्वरूप परिवार प्राकृतिक आपदा तथा आकस्मिक विपत्तियों से सुरक्षित रहता है। 

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