Bhartiya Parmapara

क्यों मनाई जाती है आषाढ़ की पूनम को गुरु पूर्...

भारतीय संस्कृति में गुरु को देवता तुल्य माना जाता है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का यह पर्व महार्षि वेद व्यास जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय संस्कृति में गुरु को देवता तुल्य माना जाता है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिम...

अक्षय तृतीया | क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीय...

अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनायी जाती हैं। अक्षय शब्द को २ भाग में विभाजित करके इसके अर्थ को आसानी से समझा सकता है, अ + क्षय जिसका कभी क्षय (नाश) ना हो। भविष्यपुराण, मत्स्यपुराण, पद्मपुराण, विष्णुधर्मोत्तर पुराण, स्कन्दपुराण में...

साजिबू नोंग्मा पैनाबा

साजिबू नोंग्मा पैनाबा नाम मणिपुरी शब्दों से मिलकर ही बना है, साजिबू - वर्ष का पहला महीना जो आमतौर पर अप्रैल के महीने के दौरान मेइती चंद्र कैलेंडर के अनुसार आता है, नोंग्मा - एक महीने की पहली तारीख, पैनाबा - से हो। जिसका शाब्दिक अर्थ नए साल के पहले महीने का पहला दिन है...

गणगौर का व्रत एवं पूजा | गणगौर व्रत

गणगौर राजस्थान एवं सीमावर्ती राज्यों का एक मुख्य त्योहार है, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को गणगौर का व्रत किया जाता है। यह व्रत महिलाये अपने पति की लम्बी आयु के लिए और कुंवारी कन्याएँ मनचाहे पति की प्राप्ति के लिए रखती है। इस दिन कुवांरी कन्याये एवं विवाहित महिल...

म्हारी गणगौर | गणगौर पूजा | गणगौर का त्योहार

गणगौर मनाने के पीछे एक पौराणिक कहानी है जिसे आज भी हम गणगौर के दिन सुनते हैं। एक बार की बात है शिवजी पृथ्वी लोक पर भ्रमण की बात पार्वती जी से करते हैं। पार्वती जी कहती हैं मैं भी आपके साथ चलूँगी। दोनों पृथ्वी की और प्रस्थान करते हैं, और भ्रमण करते- करते पार्वती जी पृथ...

चेटीचंड का त्योहार क्यों मनाते है ? | झूलेलाल...

चैत्र शुक्ल द्वितीया से सिंधी नववर्ष प्रारम्भ होता है। जिसे चेटीचंड के नाम से जाना जाता है। चैत्र मास को सिंधी में "चेट" कहा जाता है और चांद को "चण्डु", इसलिए चेटीचंड का अर्थ "चैत्र का चांद" होता है। चेटीचंड का यह त्योहार चेती चाँद और झूलेलाल जयंती के नाम से भी जाना ज...

उगादी या युगादी का त्योहार क्यों मनाते है ?

उगादी का पर्व उन लोगों के लिए नए साल के आगमन का प्रतीक है जो दक्षिण भारत के चंद्र कैलेंडर का अनुसरण करते हैं। जो विशेष रूप से कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों में माना जाता है। उगादी के दिन सृष्टि की रचना करने वाले ब्रह्मा जी की पूजा की जाती है। यह पर्व प्र...

गुड़ी पाड़वा

महाराष्ट्रीयन त्योहार 'गुढीपाडवा' गुढी याने लकड़ी का बांबू और प्रतिपदा तिथि याने पाडवा। महाराष्ट्र के राजा शालीवाहन ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा इस दिन से काल गनना शुरू की थी, यह पर्व गुढीपाड़वा के नाम से मनाया जाता है। इसके अलावा यह त्योहार कर्नाटक और आंध्रप्रदेश इन राज्य...

शीतला सप्तमी/बासोड़ा पूजा | Sheetla Saptami P...

हमारे भारत देश की बात ही अलग है, यहां ऋतु परिवर्तन भी, त्योहारों के आरंभ से होता है। सप्तमी पूजन के लिए नैवेद्य छठ के दिन दही चावल का मिष्ठान (जिसे औलिया कहा जाता हैं) और गेहूं के आटे और गुड़ के मीठे गुलगुले और सब्जी पूरी, पकौड़ी, पापड़ी आदि व्यंजन बनाए जाते हैं और सप...

हनुमान जयंती | हनुमान जयंती कैसे मनाते है ?

हनुमान जयन्ती एक हिन्दू पर्व है। यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ माना जाता है। हनुमान जी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माना जाता है। हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है। पहली हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार च...

होली की परम्पराये | होली मनाने का तरीका

होली के पर्व की तरह इसकी परंपराए भी अत्यंत प्राचीन हैं साथ ही इसका स्वरूप और उद्देश्य समय के साथ बदलता रहा है। प्राचीन काल में यह विवाहित महिलाओं द्वारा परिवार की सुख समृद्धि के लिए मनाया जाता था। पर्व का पहला दिन होलिका दहन का दिन कहलाता है। होली पूजा वाले दिन संध्या...

होली - रंग अनेक, तरीके अनेक

भारत त्योहारों का देश है। पूरे साल कई बड़े त्योहार देशवासी पुरे उत्साह के साथ मनाते है। उन्हीं में से एक होली का त्योहार है। राग और रंगों के इस त्योहार में लोग गीले-शिकवे भूलकर एक दूसरों को गले लगाते है और खूब मौजमस्ती भी करते है। भारत के अलावा नेपाल में भी पुरे उत्सा...

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