Bhartiya Parmapara

महकते रिश्ते

रूद्र ने जैसे ही मम्मी से कहा वह अनन्या को पसंद करता है और उससे शादी करना चाहता है यह सुन पल भर को बेटे के बात पर काव्या को यकीन ही नहीं हुआ अपने शांत सौम्य बेटे से अचानक यह सुनना उसे कुछ हतप्रभ कर गया। बचपन से अपने बेटे पर हर खुशी न्यौछावर करने वाली काव्या ने अपनी मौ...

तमाशा

एक बार की बात है एक घर में आग लग गई। घर में से सभी लोगों को निकाला गया मोहल्ले के कुछ लोग आग बुझाने में लग गए तो कुछ लोग सिर्फ देख रहे थे।
उसी घर में एक चिड़िया का घोंसला भी था।
चिड़िया अपनी चोंच में थोड़ा पानी लाती और आग के ऊपर डाल देती लेकिन आग बुझ ही नही रही...

महिला सशक्तिकरण

आज जागतिक महिला दिवस है मुझे दो जगह महिला सशक्तिकरण पर भाषण देने जाना है इसलिए आज के सारे काम तुम्हें ही देखने होंगे कहते हुए विभा ने रसोई वाली को फोन लगाया। "समय देख रही हो कांता तुम्हें कल ही जता जताकर कह दिया था आज सुबह जल्दी आ जाना खाना बनाने, मुझे तैयार करने के ल...

बड़ा लेखक

एक बार एक गांव में एक लड़का रहता था जो की हमेशा सपने देखता था लेकिन जब वो अपने सपनों के बारें में दूसरों को बताता तो सब उसका मज़ाक उड़ाते और उसको समझने वाला कोई नहीं था। सब उससे यही कहते की ये तुम्हारे सपने पूरे नही हो सकते क्योंकि तुम एक छोटे से गांव में रहते हो। उस...

क्षितिज तक

डॉक्टर तमन्ना अस्पताल से निकलते हुए सोच में इतनी डूबी हुई थी कि उसने किसी के अभिवादन का जवाब दिए बिना ही कार तक पहुंच गई। उनके मन में अपनी बीमार बच्ची निम्मी का रुआँसा चेहरा घूम रहा था। जब वह रोज की तरह अस्पताल जाने के लिए तैयार हो रही थी, तभी निम्मी उसके पास आई और "प...

भ्रष्टाचार

निशा अखबार में आज कुछ नई खबर आई है क्या जो इतनी आंखें गड़ाए पढ़ रही हो। कुछ नया नहीं है निखिल, पता नहीं हमारे देश का क्या होगा हर तरफ बस भ्रष्टाचार की खबरें पढ़ने मिलती। 

हॉं, निशा तुम सही कह रही हो।

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यात्रा

ट्रेन रफ्तार से दौड़ी जा रही थी और उसके साथ ही मेरे विचारों ने भी रफ्तार पकड़ ली अतीत में छुट्टियों के दौरान की गई यात्राओं के सुखद पल मानस पटल पर अंकित होते ही एक मीठी सी मुस्कान चेहरे पर बिखर गई। अगले ही स्टेशन पर एक सुशिक्षित दंपति और उनका दस वर्षीय बेटा ट्रेन में...

परवरिश - माँ के आत्मचिंतन की कहानी

मन आत्मग्लानि से लबरेज था धिक्कार है ऐसे मातृत्व पर, आज स्वयं पर ही क्रोध आ रहा था। आँखों से अविरल अश्रुधारा प्रवाहित हुए जा रही थी। मैं अवि को और वे मुझे सजल नैनों से बस देख रहे थे। "संतानोत्पति करना तो बहुत सरल है, पर परवरिश करना बहुत मुश्किल।" आज बेचैन मन कुछ सोच प...

माँ अभी जिंदा है - कहानी

छोटा बेटा कर्तव्य, अपनी बयासी साल की वृद्ध माँ की सेवा को ही अपना धर्म समझता था। "मातृदेवो भव:।" यही उसका जीवन मंत्र था।

बड़ा बेटा भाविक अपने परिवार समेत पास की सोसाइटी में ही रहता था। माँ रोज़ अपने बेटे-बहू और बच्चों को याद किया क...

सावन की सौगात

"अरी ओ रत्ना, आसमान में बादल देखो कैसे बरसने को बेताब हो रहे है, अबकी तुम्हारे कानों के झुमके घड़वा दूंगा, तुम भी चलना सूनार के और अपनी पसंद से ही बनवा लेना। शामा के बापू मेघ लगते ही तुम्हारे सपनों को पंख लग जाते हैं कहते हुए रत्ना खिलखिलाने लगी।"

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युग परिवर्तन

एक घने जंगल में एक विशाल वटवृक्ष के पास पीपल के एक बिरवे ने जन्म लिया। विशाल वटवृक्ष की लंबी सैकड़ों बरोहें धरती को वटवृक्ष के चारों ओर से जकड़ी हुई थीं। नन्हें पीपल को बड़ा आश्चर्य होता था, वह प्रतिदिन सुबह से शाम तक वटवृक्ष और उसकी सैकड़ों बरोहों को देखता और अचरज से...

बदलता कैडर

कॉलेज के छात्रसंघ के चुनाव में मुख्य आकर्षण अध्यक्ष पद का होता है अध्यक्ष पद पर वैसे तो कई प्रत्याशी मैदान में थे परंतु मुख्य संघर्ष संजय और देव के बीच था। मैं देव के समर्थकों में से एक था। देव मेरा लंगोटिया यार था। हम बचपन से अब एक साथ खेले कूदे और पढ़े थे। इंटरमीडिए...

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