त्योहार
छठ पूजा सूर्य, उषा, प्रकृति, जल, वायु और उनकी बहन छठी मइया को समर्पित है ताकि उन्हें पृथ्वी पर जीवन देने के लिए धन्यवाद और शुभकामनाएं देने का अनुरोध किया जाए। छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला लोक पर्व है, जिसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होती है और समापन कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होता है। जिसे नहाय खाय, लोहंडा या खरना, संध्या अर्ध्य और उषा अर्ध्य के रूप में मनाया जाता है।
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ पंचमी का त्योहार मनाया जाता है जिसे ''सौभाग्य पंचमी'', "लखेनी पंचमी" और "ज्ञान पंचमी" के नाम से भी जाता है। यह शुभ तिथि दिवाली पर्व का ही एक हिस्सा है कुछ स्थानों पर दीपावली के दिन से नववर्ष की शुरुआत के साथ ही सौभाग्य पंचमी को व्यापार व कारोबार में तरक्की और विस्तार के लिए भी बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सौभाग्य पंचमी के दिन विधिवत पूजा-प्रार्थना से जीवन में सुख तथा समृद्धि आती है।
दीपावली के बाद गोवर्धन पूजन और उसके बाद भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है | इसी दिन से दीपावली के 5 दिनों तक चलने वाले त्योहार का समापन होता है | भाई दूज का त्योहार भाई और बहन के प्यार और स्नेह को दर्शाता और व दोनों का रिश्ता सुदृढ़ करता है। हिन्दू धर्म में भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक के दो त्योहार मनाये जाते हैं - एक रक्षाबंधन जो श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसमें भाई बहन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा करता है। दूसरा त्योहार, 'भाई दूज' का होता है। इसमें बहनें भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती हैं। भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास की द्वितीया को मनाया जाता है जिसे भ्रातृ द्वितीया भी कहते हैं।
गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पर्व दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन उत्सव मनाया जाता है। इस दिन लोग घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करते हैं। इस दिन गायों की सेवा का विशेष महत्व है। इस दिन के लिए मान्यता प्रचलित है कि भगवान कृष्ण ने वृंदावन धाम के लोगों को तूफानी बारिश से बचाने के लिए पर्वत अपने हाथ पर उठा लिया था। तो चलिए जानते हैं क्या है इसकी कहानी।
भ्रमणीय स्थल
प्राचीन इतिहास
तुलसी जी कौन थी? कैसे बनी तुलसी पौधे के रूप में ? क्यों उनको पवित्र माना जाता है ? गणेश पूजा में क्यों नहीं चढ़ाई जाती तुलसी?
तुलसी गौ लोक (भगवान श्री कृष्ण का लोक) में 1 गोपी का नाम है, जो भगवान कृष्ण की सच्चे मन से पूजा अर्चना करती थी | हिंदू धर्म में तुलसी का बहुत अधिक महत्व है | पूजा, यज्ञ, हवन, शादी, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे सारे शुभ कार्य तुलसी के बिना अधूरे माने जाते है |
सप्ताह के किस दिन करें कौन से भगवान की पूजा
हिन्दू धर्म में मान्यतानुसार 33 करोड़ देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है। इन देवी-देवताओं को विधाता ने मनुष्यों की अलग-अलग मनोकामनाओं को पूरा करने का कार्य सौंपा है। पर सप्ताह के सात दिनों में विशेष देवी - देवताओं का पूजन करने से सांसारिक मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
ज्योतिष को ठीक से समझने के लिए जन्म कुंडली के घरों की बुनियादी समझ होनी चाहिए। कुछ बुनियादी नियम हैं जिन्हें सभी ज्योतिषीय को पालन करने की आवश्यकता है...
कभी कभी पूजा पाठ के बावजूद भी जीवन में दिक्कतें कम नहीं होती हैं, हम बहुत पूजा पाठ करते हैं, दान धर्म करते हैं, लेकिन अगर हमको परेशानी आती है तो इसका कारण अज्ञानवश पूजा स्थान का चयन गलत दिशा में होना या वहां वास्तु दोष होना होता है...
मेरा मंथन पुस्तक लेखकों के जीवन के अनुभव का एक हिस्सा है जिसे वह कविताओं के माध्यम से पाठकों तक पहुंचाना चाहते हैं और उनके लिए एक उदाहरण और प्रेरणादायक है ...
लोग उसे ये नीरमाला - "ये नीरमाला बुलाते। मुझे भी ये सुनने की इतनी आदत हो गई थी कि कई बार उसे आवाज़ देते हुए मैं भी पुकार उठती थी ,” ये नीरमाला कहाँ बाडू हो ?
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सूर्य देव की 9 संतानों में से शनिदेव एक है इनका जन्म सूर्य की द्वितीय पत्नी छाया से हुआ था।शिव की आज्ञानुसार शनि आज भी जहां धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए रक्षक हैं वहीं अधार्मिक प्रवृत्ति के लोगों को कठोर दंड...
कोरोना से कैसे लड़ें?
उपयोगी सुझाव
चाय के स्थान पर तुलसी की चाय पीने से बहुत लाभ होता है, स्वास्थ्य अच्छा होता है और कई रोगो से दूर रहते है...
¼ चम्मच हल्दी पाउडर, 1 चुटकी नमक, 2-3 बूंद सरसों का तेल लें, सबको अच्छी तरह मिलाएं और धीरे से मसूड़ों पर मालिश करें | रोजाना करे | ...
बरसात के दिनों में मसाले खराब होने लगते हैं इसीलिए मसालों को बचाने के लिए मसालों को कांच के जार में रखें और इसमें थोड़ा सा नमक मिला...
पराठों को टेस्टी बनाने के लिए आटे में उबला आलू कद्दूकस करके मिला लें और आटा गूंध ले...
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इल स्टोन तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, कोई राह यू ही आसान नही होती उसके लिए आपको कठोर परिश्रम करना पड़ता है | करियर को बेहतर बनाने के लिए बड़े लक्ष्यों से पहले...
सरल अवधि में सफलता हमारे लक्ष्य को प्राप्त कर रही है। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि हमारा उद्देश्य पूरा करना, पूर्व-निर्धारित मापदंडों पर हमारे उद्देश्य जो निर्धारित किए जा सकते हैं ...
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सभी को देखेंसरल शब्दों में सफलता हमारे लक्ष्य को प्राप्त करती है। इसका मतलब हमारे उद्देश्य को पूरा करना भी हो सकता है, पूर्व-निर्धारित मापदंडों पर हमारे उद्देश्य जो हमारे स्वयं द्वारा निर्धारित किए जा सकते हैं या दिए जा सकते हैं। पेशेवर और निजी जीवन दोनों में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
मेरी राय के अनुसार सफलता हमारे उद्देश्य या उद्देश्यों को प्राप्त करने, हासिल करने और पूरा करने की स्थिति है।
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