कौन है धनतेरस के देवता भगवान धन्वंतरि? दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है, आइए जानें इसके पीछे की कथा.. कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को...
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है इसलिए इसे अहोई अष्टमी के नाम से जाना जाता है। अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता की पूजा की जाती है। जहां करवा चौथ का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं तो वहीं अहोई अष्टमी का...
आखिर क्यों मनाया जाता है करवा चौथ का त्योहार, जानिए छलनी में क्यों देखा जाता है चाँद और पति का चेहरा? सरगी क्यों और कब खायी जाती है ? सावित्री के त्याग और फल से ही शुरू हुई थी करवाचौथ व्रत की प्रथा, अन्न जल त्याग यमराज से पति (सत्यवान) के प्राण वापस लाई थी। तभी से सभी...
कार्तिक माह को काती भी कहते है, इसमें कृतिका नक्षत्र होने के कारण इस माह का नाम कार्तिक माह पड़ा। शरद पूर्णिमा से कार्तिक माह व्रत शुरू होता है जो कार्तिक पूर्णिमा पर समाप्त होता है। इस माह में जितेन्द्रिय रह क्र प्रतिदिन स्नान करके और एक ही समय भोजन करते है तो समस्त...
आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। पुराणों के अनुसार देवी लक्ष्मी इसी पूर्णिमा तिथि को समुद्र मंथन से उपन्न हुई थीं। इसीलिए शरद पूर्णिमा की रात का हिंदू धर्म में अपना विशेष महत्व है। ज्योतिषियों के अनुसार सम्पूर्ण वर्ष में केवल इस रात मे...
हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है, जिससे स्वास्थ्य और समृद्धि में वृद्धि होती है। इस पर्व को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, जिसमें माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। देवी और देवताओं को सबसे ज्यादा प्रिय पुष्...
पंचाग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को विजयदशमी, दशहरे अथवा आयुध पूजा के रुप में देशभर में मनाया जाता है। दशहरा हिंदूओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। इसी दिन पुरूषोत्तम भगवान राम ने रावण का वध किया था। यह त...
नवरात्रि के नौवें दिन को महानवमी कहा जाता है। इस दिन मां सिद्धिदात्री की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। मां दुर्गा का यह स्वरूप सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाला है, कहते हैं कि सिद्धिदात्री की आराधना करने से सभी प्रकार का ज्ञान आसानी से मिल जाता है, सा...
नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा की जाती है। आदिशक्ति श्री दुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी हैं। पुराणों के अनुसार शुंभ निशुंभ से पराजित होने के बाद देवताओं ने गंगा नदी के तट पर देवी महागौरी से ही अपनी सुरक्षा की प्रार्थना की थी। माँ महागौरी का रंग अत्यंत गौर...
नवरात्रि के छठे दिन माँ दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है। देवी पार्वती ने यह रूप महिषासुर का वध करने के लिए धारण किया था। माँ कात्यायनी की उपासना से जीवन के चारों पुरुषार्थों अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की आसानी से प्राप्त हो जाती है। माँ कात्यायनी की पूजा म...
नवरात्रि का सातवां दिन माँ दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा-अर्चना होती है। माँ की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है, इस कारण से माँ कालरात्रि को शुभंकरी के नाम से भी पुकारा जाता है। माँ के इस स्वरूप को वीरता और साहस का प्रतीक माना जाता है और माँ की...
नवरात्रि के पांचवे दिन देवी के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है, स्कंदमाता हिमायल की पुत्री पार्वती ही हैं। इन्हें गौरी भी कहा जाता है। कुमार कार्तिकेय को भगवान स्कंद के नाम से जाना जाता है और ये देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति थे। इनकी माँ देवी दुर्गा थीं औ...
