Bhartiya Parmapara

सनातन संस्कृति में उपवास एवं व्रत का वैज्ञानि...

भारत में उपवास एवं व्रत विशेष महत्व रखते हैं तथा इन्हें रखने की परंपरा साधु-संतों, ऋषि-मुनियों से लेकर ब्रह्मचारी तथा गृहस्थ नर-नारियों में बहुत पुरानी है। सनातन संस्कृति में इन्हें आध्यात्मिक उन्नति और बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए तथा ग्रहों को अनुकूल...

राम राज्य की सोच

राम-राज्य यानी सुशासन का प्रताप ये है कि कोई किसी का शत्रु नहीं है, सभी जन मिल-जुलकर रहते हैं। सामान्य जनमानस शारीरिक, मानसिक और दैविक विकारों से मुक्त हो चुका है। सभी स्वस्थ हैं, राम-राज्य में किसी की अल्प मृत्यु नहीं होती। कोई निर्धन नहीं, कोई दुखी नहीं, कोई अशिक्षि...

बात प्रेम की

बात प्रेम की .....

बसन्त ऋतु में प्रकृति ने प्रेम की चादर ओढ़ ली, जब प्रकृति ही प्रेममय है तो फिर इस प्रेम से कोई कैसे बचे।

प्रेम, प्यार, उल्फत, मोहब्बत, इश्क व लव

न जाने कितने नाम, लेकिन एहसास एक।

नथ का वजन – एक परंपरा का अंत

पूर्व भारत के कोई प्रांत की बात सुनी थी, जहां बहु की नथनी का वजन परिवार की संपन्नता का प्रतीक हुआ करता था। पहले परिवार भी बड़े ही हुआ करते थे, उस जमाने में। दत्ताजी अपने बेटे को ब्याह के फूल सी बहु लाएं थे। पूरे गांव की औरतें और बच्चे जो रिश्ते में कुछ भी नहीं लगते थे...

नववर्ष संकल्प से सिद्धि | सकारात्मक सोच, अनुश...

नववर्ष की स्वर्णिम आभा के आगमन के पूर्व ही मन में अनेक अभिलाषाएं प्रदीप्त होती है, अधूरे ख्वाब फिर गर्मजोशी में पूरे होने के लिए लालायित रहते है। ख्वाबों पर हकीकत की चादर कैसे बिछाएं इसी ऊहापोह में दिसंबर माह बीत जाता है, लक्ष्य की सुंदर कशीदाकारी में कितने ही ताने बा...

उत्सव नीरस जीवन में भरते है रंग | जीवन में उत...

उत्सव का अर्थ है - मंगल कार्य, धूमधाम, त्यौहार, आनंद विहार। व्यक्ति और परिवार के बाद तीसरी प्रमुख इकाई है, समाज। इन तीनों घटकों को समुन्नति और सुविकसित बनाने के लिए, पर्वोत्सव मनाए जाते हैं। उत्सव मनाने से समाज का स्तर ऊँचा होता है। इससे हर्षोल्लास और प्रसन्नता व्यक्त...

रिश्वतखोरी का अभिशाप

रिश्वत या फिर सरल शब्दों में घूस कह लें, इससे तो हर कोई परिचित होगा और यह किसी भी राष्ट्र या अच्छे समाज के लिए एक अभिशाप से कम नहीं हैं। सत्ता, शासन प्रशासन से लेकर हर क्षेत्रक के उच्चाधिकारी चाहे वह संगठित क्षेत्र के हो या असंगठित क्षेत्र के हो लगभग 90 फीसदी रिश्वतखो...

प्रवासी भारतीय ही भारतीय संस्कृति के पहरेदार...

नीदरलैंड देश में भारतीय संस्कृति व हिन्दी भाषा की तेज़ी से पनपती बेल को जानने के लिए हमें थोड़ी सी जान पहचान नीदरलैंड देश की मिट्टी से करनी होगी। नीदरलैंड यूरोप महाद्वीप का एक प्रमुख देश है। यह उत्तर-पूर्वी यूरोप में स्थित है। इसके दक्षिण में बेल्जियम और पूर्व में जर्...

हिंदी की उपेक्षा अर्थात संस्कृति की उपेक्षा |...

हिंदी हमारी भाषा ही नहीं, अपितु हमारी संस्कृति भी है। विश्व के 155 से अधिक देशों में हिंदी भाषियों की उपस्थिति से यह स्पष्ट है कि हिंदी कितनी लोकप्रिय और समृद्धिशाली भाषा है। हिंदी के नाम से लोग विदेशों में भारत को याद करते हैं और विशेष सम्मान प्रदान करते हैं। हिंदी भ...

श्रावण माह: त्योहारों की शुरुआत

सावन माह सभी सनातनियों के लिये खुशी लेकर आता है। आज तो इस उम्र में उत्साह में अवश्य ही कमी आयी है। अतः बाहर जाना तो हो ही नहीं पाता है लेकिन, बचपन से चालीस पचास उम्र तक की याद करते ही मन खुशी से भर जाता है। हां यह अवश्य ध्यान रखता हूँ कि परिवार के सभी बच्चे हों या बड़...

महिला समानता दिवस | नारी सशक्तिकरण: चुनौतियाँ...

मनुस्मृति के अध्याय ३ में उल्लेखित "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः" [श्लोक ५६] का आशय है "जहां स्त्री जाति का आदर-सम्मान होता है, उनकी  आवश्यकताओं-अपेक्षाओं की पूर्ति होती है, उस स्थान, समाज, तथा परिवार पर देवतागण प्रसन्न रहते हैं"। इसी प्रकार हमारे...

भारत रत्न गुलजारीलाल नन्दा (Guljarilal Nanda)...

योजना, सिंचाई एवं उर्जा मन्त्रालय के अलावा गृहमंत्री, श्रम एवं रोजगार मन्त्री फिर रेलमंत्री के अलावा न केवल योजना आयोग के अनेक वर्षों तक उपाध्यक्ष रहे बल्कि दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे सिद्धान्तवादी, मितव्ययी भारत रत्न गुलजारी लाल नन्दा जी के १२६वीं जयन्ती...

;
MX Creativity
©2020, सभी अधिकार भारतीय परम्परा द्वारा आरक्षित हैं। MX Creativity के द्वारा संचालित है |