Bhartiya Parmapara
अंतर्वेदना: आत्मा को छू लेने वाली लघुकथा

अंतर्वेदना: आत्मा को छू लेने वाली लघुकथा

"मुझे अपनी शरण में ले लो राम... ले लो राम। 
मुझे अपनी शरण में ले लो राम...!!" 
"रानो, तुम यह उदासी भरा भजन क्यों गा रही हो? और यह क्या—तुम्हारी आँ...

डिग्री नहीं, दिशा ज़रूरी – करियर और जीवन की सीख

डिग्री नहीं, दिशा ज़रूरी – करियर और जीवन की सीख

"रागिनी! ज़रा अपनी पढ़ाई-लिखाई और खेल-कूद की जितनी भी डिग्रियाँ हैं, सब ले आओ,“ आरती की थाली लिए सासू माँ ने मुस्कराते हुए कहा। रागिनी चौंकी, फिर मुस्कराकर म...

आडंबर की कहानी | प्रकृति के प्रति मानव समाज

आडंबर की कहानी | प्रकृति के प्रति मानव समाज

"माँ! हमें नदी किनारे बसना था न? कम से कम पानी तो मिल जाता। यहाँ तो कोई इंसान हमें झाँकने तक नहीं आता।"
नीम का छोटा पौधा चिंता व्यक्त करते हुए अपनी माँ से बोला।

ज़िंदगी के साथ भी, ज़िंदगी के बाद भी – जीवन दर्शन कहानी

ज़िंदगी के साथ भी, ज़िंदगी के बाद भी – जीवन दर्शन कहानी

ये क्या पोथी पुराण ले कर बैठे रहते हो जी। जब देखो पोस्ट करना फिर थोड़ी देर बाद फेसबुक में लाइक कमेंट्स देखना। क्या मिलता है समझ नहीं आता? 
आज अनुराधा सुबह&...

शादी में सहमति और बेटी के सपनों का सम्मान – शर्मा और तिवारी परिवार की कहानी

शादी में सहमति और बेटी के सपनों का सम्मान – शर्मा और तिवारी परिवार की कहानी

शर्मा जी!  हमें और हमारे बेटे राहुल को आपकी बेटी नेहा पहली नजर में ही पसंद आ गई। इस बारे में आप लोगों का क्या विचार है? हम जल्द ही जानना चाहते हैं। जी....जी... तिव...

संयम की अंगाकर रोटी ने स्कूल मेले में सबका दिल जीता

संयम की अंगाकर रोटी ने स्कूल मेले में सबका दिल जीता

इस बार स्कूल में बहुत मजा आने वाला है। आएगा भी क्यों नहीं;  बाल मेले का आयोजन जो हो रहा है। यह एक प्रतियोगिता भी है। राहुल और संयम को पिछली बार का आयोजन याद आने लग...

बालकथा - माँ का दर्द

बालकथा - माँ का दर्द

माँ मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। वाह! मैदान भी हरा–भरा है। चीनू उछलते हुए अपनी माँ से कहने लगा; हम रोज आ कर खेलेंगे न.....! 
हाँ बेटा चीनू; माँ ने हँसते हुए...

प्री वेडिंग – एक फिज़ूलखर्च

प्री वेडिंग – एक फिज़ूलखर्च

शादी फिक्स होते ही लोगों का सबसे पहला सवाल– "प्री वेडिंग हो गई?"
हो गई तो अच्छी बात है नहीं हुई तो क्यों नहीं हुई? आजकल तो सभी करवा रहे हैं। इस आधुनिक युग में ये सब आम बात है, अरे भाई! शर्...

होली की सतरंगी छटा | प्रेरणादायक कहानी

होली की सतरंगी छटा | प्रेरणादायक कहानी

श्वेता को पिछले साल की होली याद थी। कभी नहीं भूल सकती थी उस होली के हुड़दंग को। होली के ठीक दूसरे दिन वह बीमार पड़ गई थी। मम्मी-पापा बहुत परेशान हो गए थे। उसे एक हफ्ते...

गरीबी (Poverty) | मानवता की एक मार्मिक कहानी

गरीबी (Poverty) | मानवता की एक मार्मिक कहानी

विनी और बिट्टू दोनों भाई-बहन मैले-कुचैले कपड़े पहने थे। हाथों में छोटी-छोटी बोरियाँ थीं। वे कचरे बीनने जा रहे थे। कचरे के ढेर में झिल्ली, प्लास्टिक, लोहा आदि बीनते थे; औ...

सोना समझ गयी | एक मेहनती चींटी की प्रेरणादायक कहानी

सोना समझ गयी | एक मेहनती चींटी की प्रेरणादायक कहानी

"मैं बहुत थक गयी हूँ। अब एक कदम भी नहीं चला जाता है मुझसे। सुबह से शाम तक बस; सिर्फ काम ही काम। सुनिए जी, आज मैं घर पर ही रहूँगी। आप जाइये काम पर।" नन्हीं चींटी सोना ने...

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