Bhartiya Parmapara

शादी में सहमति और बेटी के सपनों का सम्मान – शर्मा और तिवारी परिवार की कहानी

ख़्वाहिश–ए–दिल 

 

शर्मा जी!  हमें और हमारे बेटे राहुल को आपकी बेटी नेहा पहली नजर में ही पसंद आ गई। इस बारे में आप लोगों का क्या विचार है? हम जल्द ही जानना चाहते हैं।

जी....जी... तिवारी जी; ये तो बहुत ही शुभ समाचार है। शादी पक्की हो इससे पहले मैं आप लोगों के समक्ष अपनी कुछ बातें रखना चाहता हूँ। अरे.....! क्या बात है शर्मा जी; आप निश्चिंत रहिए। हम दहेज–वहेज के पक्ष में बिल्कुल नहीं हैं आप अपना दिल ठंडा रखिए; इस मामले में। तिवारी जी हँसते हुए बोले।

दरअसल, बात यह है कि हमारी बेटी नेहा को कत्थक नृत्य बहुत पसंद है। नेहा हर प्रतियोगिता में अपनी सहभागिता प्रदान करती है। नेशनल–इंटरनेशनल तक के कंपीटिशन में फर्स्ट आई है। दूर–दूर देश–विदेशों में इसके नृत्य की प्रशंसा होती रहती है। 
मेरी ख़्वाहिश–ए–दिल है कि मेरी बेटी शादी के बाद भी अपना सपना पूरा करें और हमारा नाम यूँ ही रौशन करती रहे।

मि.और मिसेज तिवारी जी एक – दूसरे को देख खुसुर–फुसुर करने लगे। नेहा के हृदय में चिंता की काली घटाएँ उमड़ रही थीं; चेहरे में फीकापन दिखाई दे रहा था क्योंकि रिश्ता बहुत अच्छा था; लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है सपनों को उड़ान देना!

थोड़ी देर बाद मिसेज तिवारी सोफा से उठ हाथ आगे कर बोली– देखिए भाई साहब; आजकल की लड़कियाँ घर में कैद नहीं रहना चाहती हैं, इन लड़कियों से हम भलीभांति परिचित हैं। लेकिन हमारी नेहा तो....... बीच में ही टोकती हुई मिसेज शर्मा बोली। मिसेज शर्मा......! मेरी बातें अभी पूर्ण नहीं हुईं। आप लोगों को क्या लगा? हम आपकी बातें सुन रिश्ते से इनकार कर देंगे; सभी की नज़रें मिसेज तिवारी पर टिकी हुई थीं। इतना सुनने के बाद नेहा की धड़कनें और बढ़ने लगीं।

नहीं–नहीं..... भाई साहब! हमारी सोच इतनी छोटी नहीं है कि हम नेहा के सपनों को कैद कर रसोई तक ही सीमित रखें। हमारी बेटी नहीं है तो क्या हम आपके हृदय की बातें नहीं समझ पाएँगे? मैं भी तो किसी की बेटी हूँ न? आप अपनी सारी चिंताओं को डस्टबिन में फेंक आइए; और हाँ अब से नेहा हमारी हुई। ऐसा बोलकर मिसेज तिवारी ने नेहा को गले से लगा लिया।

वाह! क्या बात है आज मैं धन्य हुआ; आप लोगों  से रिश्ता जोड़ कर। तिवारी जी आप लोगों ने हम सब का मान रखा। शर्मा जी के साथ–साथ उनके घर के सभी लोगों के होठों पर हँसी और आँखों में खुशियों के मोती चमकने लगे।

 

                                    

                                      

Login to Leave Comment
Login
No Comments Found
;
MX Creativity
©2020, सभी अधिकार भारतीय परम्परा द्वारा आरक्षित हैं। MX Creativity के द्वारा संचालित है |