Bhartiya Parmapara
एक पाती शिक्षक के नाम – शिक्षक की भूमिका और मूल्य आधारित शिक्षा

एक पाती शिक्षक के नाम – शिक्षक की भूमिका और मूल्य आधारित शिक्षा

मां के बाद शिक्षक बच्चों के भविष्य निर्माण में महती भूमिका निभाने में सच्चे भागीदार होते हैं। यह सही है कि शिक्षा व शिक्षक में बहुत बड़ा फासला नहीं होता है बच्चों के परव...

सावन गीत

सावन गीत

सावन गीत (आल्हा छंद)
कितना मनभावन है सावन,
बाद एक दूजा त्यौहार।
भोले दूर करें तकलीफ़ें,
ख़ुशियाँ झूमे हर घर द्वार।

युग परिवर्तन

युग परिवर्तन

एक घने जंगल में एक विशाल वटवृक्ष के पास पीपल के एक बिरवे ने जन्म लिया। विशाल वटवृक्ष की लंबी सैकड़ों बरोहें धरती को वटवृक्ष के चारों ओर से जकड़ी हुई थीं। नन्हें पीपल को...

नारी और समाज

नारी और समाज

“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता“ की परम्परा हमारे ग्रंथों में लिखी गई है जिसका अर्थ है - जहाँ महिलाओं का सम्मान किया जाता हैं वहां देवता निवास क...

प्रेम की जीत

प्रेम की जीत

सुबह का समय था। बाहर से मेरे कुछ दोस्त आये हुए थे। कुछ खाने पीने के बाद हम साथ बैठे चाय पी रहे थे। तभी हमने देखा दुखना घर आ गया है। वहीं से मैंने उसे आवाज दी- 'अरे दुखन...

चाहत बस इतनी सी

चाहत बस इतनी सी

फूल कहाँ माँगे थे मैंने, कब माँगी मँहगीं सौग़ातें,
ये भी कभी नहीं चाहा.. तुम चाँद सितारे ले आते!

कहाँ कभी चाहा मैंने] सोने चाँदी से लद जाना,
या ऊँची ब्रैंडिड गाड़ी में] घूम घूम कर इतर...

आज का सबक - भारतीय परंपरा

आज का सबक - भारतीय परंपरा

आज जब परंपराओं की बात आती हैं तो हम एक कदम पीछे हटने लगते हैं।

हमसे जब कोई हमारी परंपराओं का जिक्र करने
लगता हैं तो हम निशब्द हो जाते हैं।

क्या यही हमारी भारतीय परंपराओं की पहचान...

अलविदा मेरे प्यारे बेटे

अलविदा मेरे प्यारे बेटे

बरसात का मौसम हो चला था। सूखे दरख़्त पानी की आस लगाए अब भी ऊपर टकटकी लगाए खड़े थे। पूरे चार बरस हो आए थे आख़िरी मानसून आए हुए, कारण भी लगभग तय ही था, फैक्ट्रियों औट कों...

पनीर पुडिंग

पनीर पुडिंग

सामग्री -

2 कप पनीर, 1-1/2 कप दूध पाउडर, 1 कप मलाई, 2 कप दूध, 1/2 कप सुखा मेवा कतरन, एक चम्मच इलायची पाउडर, 1/2 चम्मच केवडा एसेंस य...

भारतीय परम्परा की प्रथम वर्षगांठ

भारतीय परम्परा की प्रथम वर्षगांठ

भारतीय परम्परा की है आज प्रथम वर्षगांठ
स्वतंत्रता सेनानियों से है जिंदगी में आजादी का ठाठ
त्यौहार, संस्कृति, रीति रिवाज और इतिहास है हमारा आधार
जो भारत के गौरव को...

जीवन सार : प्रेरणादायक कहानी

जीवन सार : प्रेरणादायक कहानी

मोहन बेटा ! मैं तुम्हारे काका के घर जा रहा हूँ।

क्यों पिताजी ?

और आप आजकल काका के घर बहुत जा रहे हो ...? आपका मन मान रहा हो तो चले जाओ ... पिताजी !!! लो ये पैसे रख लो, काम आएंगे ।

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