Bhartiya Parmapara

Admin

Admin
Admin

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat. Duis aute irure dolor in reprehenderit in voluptate velit esse cillum dolore eu fugiat nulla pariatur. Excepteur sint occaecat cupidatat non proident, sunt in culpa qui officia deserunt mollit anim id est laborum. Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat. Duis aute irure dolor in reprehenderit in voluptate velit esse cillum dolore eu fugiat nulla pariatur. Excepteur sint occaecat cupidatat non proident, sunt in culpa qui officia deserunt mollit anim id est laborum. Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat. Duis aute irure dolor in reprehenderit in voluptate velit esse cillum dolore eu fugiat nulla pariatur. Excepteur sint occaecat cupidatat non proident, sunt in culpa qui officia deserunt mollit anim id est laborum.

युग परिवर्तन

युग परिवर्तन

एक घने जंगल में एक विशाल वटवृक्ष के पास पीपल के एक बिरवे ने जन्म लिया। विशाल वटवृक्ष की लंबी सैकड़ों बरोहें धरती को वटवृक्ष के चारों ओर से जकड़ी हुई थीं। नन्हें पीपल को...

नारी और समाज

नारी और समाज

“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता“ की परम्परा हमारे ग्रंथों में लिखी गई है जिसका अर्थ है - जहाँ महिलाओं का सम्मान किया जाता हैं वहां देवता निवास क...

प्रेम की जीत

प्रेम की जीत

सुबह का समय था। बाहर से मेरे कुछ दोस्त आये हुए थे। कुछ खाने पीने के बाद हम साथ बैठे चाय पी रहे थे। तभी हमने देखा दुखना घर आ गया है। वहीं से मैंने उसे आवाज दी- 'अरे दुखन...

चाहत बस इतनी सी

चाहत बस इतनी सी

फूल कहाँ माँगे थे मैंने, कब माँगी मँहगीं सौग़ातें,
ये भी कभी नहीं चाहा.. तुम चाँद सितारे ले आते!

कहाँ कभी चाहा मैंने] सोने चाँदी से लद जाना,
या ऊँची ब्रैंडिड गाड़ी में] घूम घूम कर इतर...

आज का सबक - भारतीय परंपरा

आज का सबक - भारतीय परंपरा

आज जब परंपराओं की बात आती हैं तो हम एक कदम पीछे हटने लगते हैं।

हमसे जब कोई हमारी परंपराओं का जिक्र करने
लगता हैं तो हम निशब्द हो जाते हैं।

क्या यही हमारी भारतीय परंपराओं की पहचान...

अलविदा मेरे प्यारे बेटे

अलविदा मेरे प्यारे बेटे

बरसात का मौसम हो चला था। सूखे दरख़्त पानी की आस लगाए अब भी ऊपर टकटकी लगाए खड़े थे। पूरे चार बरस हो आए थे आख़िरी मानसून आए हुए, कारण भी लगभग तय ही था, फैक्ट्रियों औट कों...

पनीर पुडिंग

पनीर पुडिंग

सामग्री -

2 कप पनीर, 1-1/2 कप दूध पाउडर, 1 कप मलाई, 2 कप दूध, 1/2 कप सुखा मेवा कतरन, एक चम्मच इलायची पाउडर, 1/2 चम्मच केवडा एसेंस य...

भारतीय परम्परा की प्रथम वर्षगांठ

भारतीय परम्परा की प्रथम वर्षगांठ

भारतीय परम्परा की है आज प्रथम वर्षगांठ
स्वतंत्रता सेनानियों से है जिंदगी में आजादी का ठाठ
त्यौहार, संस्कृति, रीति रिवाज और इतिहास है हमारा आधार
जो भारत के गौरव को...

जीवन सार : प्रेरणादायक कहानी

जीवन सार : प्रेरणादायक कहानी

मोहन बेटा ! मैं तुम्हारे काका के घर जा रहा हूँ।

क्यों पिताजी ?

और आप आजकल काका के घर बहुत जा रहे हो ...? आपका मन मान रहा हो तो चले जाओ ... पिताजी !!! लो ये पैसे रख लो, काम आएंगे ।

अच्युत, अनंत और गोविंद महिमा

अच्युत, अनंत और गोविंद महिमा

भगवान धन्वन्तरि समुद्र-मंथन के समय हाथ में अमृत कलश लेके प्रकट हुए थे। आरोग्य के देवता माने जाने वाले धन्वंतरि देव भगवान विष्णु के अवतार है। भगवान धन्वंतरि को चिकित्सा...

देसी बीज

देसी बीज

तुमने बताया नहीं घनश्याम, कि मैं क्या करूं?

क्या सारे बिंड़ा (टंकियां) तुड़वा दूं और यह सारा बीज खत्म कर दूँ?

एक बार फिर अपना सवाल लेकर चाचा मेरे सिर पर सवार थे। मैंने उन्हें फिर समझ...

;
MX Creativity
©2020, सभी अधिकार भारतीय परम्परा द्वारा आरक्षित हैं। MX Creativity के द्वारा संचालित है |