त्योहार
बुद्ध पूर्णिमा, जिसे "वैशाख पूर्णिमा" भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का एक अत्यंत पावन पर्व है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति (बोधि) और महापरिनिर्वाण – तीनों घटनाओं की स्मृति में मनाया जाता है। यह पर्व वैशाख माह की पूर्णिमा को आता...
सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण करना (प्रवेश करना) संक्रांति कहलाता है, मकर संक्रांति के माध्यम से भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की झलक विविध रूपों में देखी जा सकती है। जब सूर्य पौष माह से धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर-संक्रांति होती है।...
यूँ तो सृष्टि के कण-कण में ईश्वर का वास है। लेकिन सूर्य और चन्द्रमा ईश्वर के दिव्यचक्षु सदृश है। जब-जब सूर्य की स्थिति में परिवर्तन होता है, हम प्रभावित होते हैं। ऐसा ही एक त्योहार हैं मकर संक्रांति, शीत ऋतु के पौष मास में जब भगवान सूर्य उत्तरायण होकर मकर राशि में प्र...
सतुयग से कलियुग यानि आज तक वसंत ऋतु में सभी सनातन धर्मावलम्बी बच्चे-बूढ़े, सब कुछ संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक-झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जो त्योहार पूरे उमंग, जोश व उल्लास के साथ मनाते हैं उसी महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार का नाम है "होली&ldqu...
शब्द ही ब्रह्म है क्योंकि शब्दों से ही इस त्रिगुणात्मक संसार का सृजन संभव है!
बृहदारण्यकोपनिषद् में कहा गया है - अहम ब्रह्मास्मि अर्थात् मैं ही ईश्वर हूँ।
शंकाराचार्य का अद्वैत दर्शन भी कहता है...
साधारणतया जब सन्त कहते हैं कि चातुर्मास में प्रभु विष्णु योग निद्रा में चले गये, जिसका यह अर्थ कदापि नहीं कि वे सो गये हैं। इस तथ्य को समझने से पहले आप सभी के ध्याननार्थ एक चौपाई, जिसका गोस्वामी तुलसीदासजी ने रामचरितमानस में उल्लेख किया है - "क्षिति, जल, पावक, गगन, सम...
ज्योतिष को ठीक से समझने के लिए जन्म कुंडली के घरों की बुनियादी समझ होनी चाहिए। ज्योतिषीय चार्ट बनाने के कई तरीके हैं, यहां हम उत्तर भारतीय हीरा चार्ट पर चर्चा करेंगे। यह चार्ट उत्तर भारत में लोकप्रिय है जैसा कि नाम से पता चलता है और यह वैदिक ज्योतिष के बारे में बात कर...
गुण मिलान का शाब्दिक अर्थ है दो लोगों के स्वभाव और स्वभाव का मेल। यह विधि मैच मेकिंग तक सीमित नहीं है। व्यापार सहयोगियों, परिवार के सदस्यों या अपने दोस्तों की अनुकूलता की जांच करने के लिए गुण मिलान भी किया जा सकता है। एक आम आदमी की भाषा में यह एक अनुकूलता परीक्षा है ज...
दो तरह की दुनिया होती है, एक बाहरी दुनिया और एक आंतरिक दुनिया। परिस्थितियाँ, लोग, शारीरिक स्वास्थ्य इत्यादि बाहरी दुनिया है, विचार, भावनाएँ आदि आंतरिक दुनिया है। एक "भाव" है, तो दूसरी "भावना" है, बाहर की दुनिया तो हम सब देखते हैं, लेकिन हमें देखना है कि हमारी आंत...
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: नारी शक्ति का उत्सव
हर वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, जो महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक योगदान को सम्मान देने का दिन है। यह दिवस न केवल महिलाओं के अधिकारों और समानता की बात करता है, बल्क...
देश को अँग्रेजों से मुक्ति दिलाने के लिए जिन वीर सपूतों ने अपना बलिदान दिया, उनमें अमर बलिदानी हेमू कालाणी का नाम चिरस्मरणीय है। मात्र 19 वर्ष की आयु में वे बलिदान हो गए थे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी हेमू कालाणी (हेमनदास कालाणी) का जन्म 23 मार...
अनेक विविधताओं से भरा भारत,'अनेकता में एकता' के लिए जाना जाता है। यही एकता उसको आज़ादी की ओर ले गयी और आज, भारत अपनी आज़ादी की हीरक जयंती मना रहा है। भारत एक लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। संविधान सभा के सदस्य १९३५ में स्थापित प्रांतीय विधान सभाओं के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्...
1/4 चम्मच हल्दी पाउडर, 1 चुटकी नमक, 2-3 बूंद सरसों का तेल लें, सबको अच्छी तरह मिलाएं और प्रतिदिन दांतों और मसूड़ों पर धीरे-धीरे मालिश करें। इससे दांत सफेद और मसूड़े मजबूत हो जाते हैं।
1/2 kg नारियल का तेल और 50 ग्राम करी पत्ते (मिठा नीम), दोनों को 5 मिनट साथ उबालें और फिर तेल को ठंडा होने दें। फिर उस तेल को छान कर एक बोतल में भरदे। सप्ताह में दो बार मालिश करें। बाल मजबूत होंगे और चमकदार भी बनेंगे।
हरे धनिये के पत्तों को कूटकर इसका रस निकाल ले और दिन में 1 बार इस रस की 2-3 बूंदे आँखों में डालते रहे। इससे आँखों की जलन और खुजली ठीक हो जाती है। आँखों में जलन और खुजली नहीं होने पर भी सप्ताह में 1-2 बार इस रस को आँखों में डालने पर आँखे साफ रहती है।
शरीर पर दाद को जड़ से हटाने का रामबाण नुस्खा।
लहसुन को जला ले अब उसकी राख (भस्म) को शहद में मिला कर दाद पर दिन में 2-3 बार लगा ले।
पकौड़े बनाते समय अगर उसके घोल में एक चमच्च सूजी या एक-चुटकी अरारोट और थोडा गर्म तेल मिला दिया जाये तो पकौडें अधिक कुरकुरे और टेस्टी बनते हैं।
बरसात के दिनों में मसाले खराब होने लगते हैं इसीलिए मसालों को बचाने के लिए मसालों को कांच के जार में रखें और इसमें थोड़ा सा नमक मिला दे। नमक मिलाकर आप मसालों को काफी दिनों तक इस्तेमाल कर सकते हैं । इससे मसालों में जाले नहीं पड़ेंगे। पर आपको इस बात का ख्याल रखना होगा कि...
मील का पत्थर हासिल करने के लिए: छोटे लक्ष्य बनाएं और उन्हें पूरा करके बड़े मकाम तक पहुंचें। साथ में सफलता की ऊंचाइयों की ओर एक कदम एक कदम बढ़ें।
अब वो समय नही रहा है जिसमे सिर्फ किताबी ज्ञान के भरोसे बेहतर करियर, नौकरी या उच्च पद की उम्मीद की जा सकती है। अब समय बदल गया है अब किताबी कीड़ा बनकर या डिग्रीयों का ढेर लगाकर करियर निर्माण नही किया जा सकता है। अगर आप अपने करियर को बेहतरीन बनाना चाहते है तो आपको अपने अ...
अगर हम नियमित रूप से योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं, तो इससे हमें अधिक फ़ायदे होंगे। क्योंकि, योगासनों से शरीर में लचीलापन एवं स्फूर्ति तो बढ़ती ही है, साथ ही हृदय और फेफड़ों की कार्य क्षमता भी सुधरती है।
योग एक प्राचीन विज...
सरल अवधि में पायी गयी सफलता हमारे लक्ष्य को प्राप्त कर रही है। इसका अर्थ हमारे उद्देश्य को पूरा करना भी हो सकता है, पूर्व-निर्धारित मापदंडों पर हमारे उद्देश्य जो हमारे स्वयं द्वारा निर्धारित किए जा सकते हैं या दिए जा सकते हैं। पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन दोनों में सफलता...
– एक मिट्टी के पात्र या मटके में नीचे और चारों तरफ थोड़ी दूरी से छेद करें।
– उसमें सूखे पत्ते और अखबार की कतरन डालकर ऊपर मिट्टी डाले।
– उसके बाद उसमें घर से निकलने वाला सब्जी और फलों के छिलके (बारीक काटकर), चाय की पत्ती (सुखाकर) एवं मंदिर में च...
राजस्थान को राजा-महाराजाओं की भूमि के तौर पर जाना जाता है। राजस्थान को पहले “राजपुताना” कहते थे। हर साल 30 मार्च को राजस्थान का स्थापना दिवस मनाया जाता है। राजस्थान, भारत का सबसे बड़ा राज्य, अपनी समृद्ध संस...
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से पूर्व लगभग 272 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोरखपुर नगर आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। गोरखपुर छठी शताब्दी ईसा पूर्व सोलह महाजनपदों में से एक अंग था। माना जाता है कि चन्द्र वंश न...
हिमाचल शब्द दो शब्दों - हिम और अचल से मिलकर बना है, हिम का अर्थ बर्फ और अचल का अर्थ है पर्वत। अतः बर्फ के पर्वत को हिमाचल कहा जाता है। हिमाचल संज्ञा सार्थक भी है क्योंकि यहाँ ऊँची पर्वत की चोटियां बर्फ से सारे वर्ष ढकी...
साहित्यिक एवं आध्यात्मिक
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