त्योहार
दुर्गा पूजा, भारत के एक प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे देशभर में पूरे उत्साह और भव्यता के साथ मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, इसके अलावा ओडिशा, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी इसे बड़े धूमधाम से...
नाग पंचमी को एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। जिसमें नाग देवता की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन नाग देव की पूजा करने से काल सर्प दोष दूर होता है और सुख समृद्धि आती है। नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करते है, महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करना चा...
सिंदूर खेला एक खास बंगाली परंपरा है जो दुर्गा पूजा के अंतिम दिन, विजयादशमी को मनाई जाती है। इस रस्म में विवाहित महिलाएं दुर्गा माँ की विदाई से पहले एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर इस शुभ अवसर का जश्न मनाती हैं। यह परंपरा सौभाग्य, समृद्धि, और देवी दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त क...
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ पंचमी का त्योहार मनाया जाता है जिसे "सौभाग्य पंचमी", "लखेनी पंचमी" और "ज्ञान पंचमी" के नाम से भी जाता है। यह शुभ तिथि दिवाली पर्व का ही एक हिस्सा है कुछ स्थानों पर दीपावली के दिन से नववर्ष की शुरुआत के साथ ही सौभाग्य पंचम...
पौराणिक कथानुसार ब्रह्माजी के मानस पुत्र सप्त ऋषियों में से एक महर्षि अत्रि व प्रजापति कर्दम ऋषि की पुत्री और सांख्य शास्त्र के प्रवर्तक कपिल देव की भगिनी सती अनुसूया के यहां त्रिदेवों के अंश से तीन पुत्र सबसे पहले ऋषि दुर्वासा, फिर चन्द्रदेव उसके बाद दत्तात्रेय ने जन...
गणेश जी की आरती: श्री गणेश जी की पूजा में विशेष रूप से गाई जाने वाली आरती। यह आरती सभी विघ्नों को हरने वाले, बुद्धि और समृद्धि के देवता गणेश जी को समर्पित है। गणेश चतुर्थी और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर गणेश जी की आरती का महत्व अधिक होता है।
ज्योतिष को ठीक से समझने के लिए जन्म कुंडली के घरों की बुनियादी समझ होनी चाहिए। ज्योतिषीय चार्ट बनाने के कई तरीके हैं, यहां हम उत्तर भारतीय हीरा चार्ट पर चर्चा करेंगे। यह चार्ट उत्तर भारत में लोकप्रिय है जैसा कि नाम से पता चलता है और यह वैदिक ज्योतिष के बारे में बात कर...
गुण मिलान का शाब्दिक अर्थ है दो लोगों के स्वभाव और स्वभाव का मेल। यह विधि मैच मेकिंग तक सीमित नहीं है। व्यापार सहयोगियों, परिवार के सदस्यों या अपने दोस्तों की अनुकूलता की जांच करने के लिए गुण मिलान भी किया जा सकता है। एक आम आदमी की भाषा में यह एक अनुकूलता परीक्षा है ज...
मैं उस समय की बात कर रहा हूँ, जब शहर में आवागमन के लिये साइकिल का प्रचलन था। दुपहिया वाहन भी इक्के दुक्के ही थे जबकि चार पहिया वाहन तो ना के बराबर थे। उस समय समाज में आपसी प्रेम भाईचारा खूब था और ईमानदारी व सादगी से लोग जीवन यापन करते थे। फिर भी मेरे पिताजी ने कभी साइ...
वैदिक काल प्राचीन भारतीय संस्कृति का एक कालखंड या एक निश्चित समय काल है। वैदिक काल में ही हमारे वेदों की रचना की गई। वेदों का आधारभूत ढाँचा होने के कारण इसे वैदिक काल कहा गया। वैदिक सभ्यता ही हिंदू सभ्यता है। वैदिक काल की सभ्यता को आर्य काल की सभ्यता भी कहा गया, आर्य...
भारत सरकार ने गत बार २२ मई २०२२ को २२ मई, १७७२ को बंगाल के वैष्णव परिवार में जन्मे ब्रह्म समाज के संस्थापक, भारतीय प्रेस के जनक, भारतीय पुनर्जागरण के अग्रदूत और आधुनिक भारत के निर्माता राजा राममोहन राय की २५०वीं जयन्ती बड़े ही धूम धाम से मनायी थी। इस अवसर क...
राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील, ‘पूर्ण स्वराज’ के पैरोकार और भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के प्रथम लोकप्रिय नेता बाल गंगाधर तिलक को उनके २३ जुलाई को पड़ने वाले १६७ वें जन्म दिन पर नमन करते हुये आपको याद दिलाना चाहूँगा कि इनको "लोकमान्य" की आदरणीय उपाध...
1/4 चम्मच हल्दी पाउडर, 1 चुटकी नमक, 2-3 बूंद सरसों का तेल लें, सबको अच्छी तरह मिलाएं और प्रतिदिन दांतों और मसूड़ों पर धीरे-धीरे मालिश करें। इससे दांत सफेद और मसूड़े मजबूत हो जाते हैं।
1/2 kg नारियल का तेल और 50 ग्राम करी पत्ते (मिठा नीम), दोनों को 5 मिनट साथ उबालें और फिर तेल को ठंडा होने दें। फिर उस तेल को छान कर एक बोतल में भरदे। सप्ताह में दो बार मालिश करें। बाल मजबूत होंगे और चमकदार भी बनेंगे।
हरे धनिये के पत्तों को कूटकर इसका रस निकाल ले और दिन में 1 बार इस रस की 2-3 बूंदे आँखों में डालते रहे। इससे आँखों की जलन और खुजली ठीक हो जाती है। आँखों में जलन और खुजली नहीं होने पर भी सप्ताह में 1-2 बार इस रस को आँखों में डालने पर आँखे साफ रहती है।
शरीर पर दाद को जड़ से हटाने का रामबाण नुस्खा।
लहसुन को जला ले अब उसकी राख (भस्म) को शहद में मिला कर दाद पर दिन में 2-3 बार लगा ले।
पकौड़े बनाते समय अगर उसके घोल में एक चमच्च सूजी या एक-चुटकी अरारोट और थोडा गर्म तेल मिला दिया जाये तो पकौडें अधिक कुरकुरे और टेस्टी बनते हैं।
बरसात के दिनों में मसाले खराब होने लगते हैं इसीलिए मसालों को बचाने के लिए मसालों को कांच के जार में रखें और इसमें थोड़ा सा नमक मिला दे। नमक मिलाकर आप मसालों को काफी दिनों तक इस्तेमाल कर सकते हैं । इससे मसालों में जाले नहीं पड़ेंगे। पर आपको इस बात का ख्याल रखना होगा कि...
मील का पत्थर हासिल करने के लिए: छोटे लक्ष्य बनाएं और उन्हें पूरा करके बड़े मकाम तक पहुंचें। साथ में सफलता की ऊंचाइयों की ओर एक कदम एक कदम बढ़ें।
अब वो समय नही रहा है जिसमे सिर्फ किताबी ज्ञान के भरोसे बेहतर करियर, नौकरी या उच्च पद की उम्मीद की जा सकती है। अब समय बदल गया है अब किताबी कीड़ा बनकर या डिग्रीयों का ढेर लगाकर करियर निर्माण नही किया जा सकता है। अगर आप अपने करियर को बेहतरीन बनाना चाहते है तो आपको अपने अ...
अगर हम नियमित रूप से योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं, तो इससे हमें अधिक फ़ायदे होंगे। क्योंकि, योगासनों से शरीर में लचीलापन एवं स्फूर्ति तो बढ़ती ही है, साथ ही हृदय और फेफड़ों की कार्य क्षमता भी सुधरती है।
योग एक प्राचीन विज...
सरल अवधि में पायी गयी सफलता हमारे लक्ष्य को प्राप्त कर रही है। इसका अर्थ हमारे उद्देश्य को पूरा करना भी हो सकता है, पूर्व-निर्धारित मापदंडों पर हमारे उद्देश्य जो हमारे स्वयं द्वारा निर्धारित किए जा सकते हैं या दिए जा सकते हैं। पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन दोनों में सफलता...
– एक मिट्टी के पात्र या मटके में नीचे और चारों तरफ थोड़ी दूरी से छेद करें।
– उसमें सूखे पत्ते और अखबार की कतरन डालकर ऊपर मिट्टी डाले।
– उसके बाद उसमें घर से निकलने वाला सब्जी और फलों के छिलके (बारीक काटकर), चाय की पत्ती (सुखाकर) एवं मंदिर में च...
जयपुर शहर के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह जी ज्योतिष, खगोल शास्त्र, अंतरिक्ष विज्ञान एवं वास्तुशास्त्र के विशेषज्ञ थे। उनके शासन काल में इन विषयों पर अनेको ग्रंथो की रचना की गयी। उनके द्वारा ग्रह...
वनदेवी मां अंगार मोती परम तेजस्वी 'ऋषि अंगिरा' की पुत्री हैं। जिनका आश्रम, सिहावा के पास गंढाला में स्थित है। कहते हैं कि, मां अंगार मोती एवं मां विंध्यवासिनी दोनों बहने हैं। कहा जाता है कि, देवी का मूल मंद...
शक्ति पीठों की इस श्रृंखला में, अगला नाम "अंबिकापुर की माँ महामाया" का आता है। जिनका एक नाम अंबिका भी है। जिनके नाम पर यह शहर, अंबिकापुर कहलाया। महामाया मंदिर की स्थापना १५वी शताब्दी के आसपास हुई थी। यह एक जागृत एवम् स...
साहित्यिक एवं आध्यात्मिक
संग्रह
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