त्योहार
मान्यताओं के अनुसार सबसे पहले अत्रि मुनि ने श्राद्ध का उपदेश दिया था। इसके बाद सबसे पहला श्राद्ध महर्षि निमि ने निकाला था। बाद में धीरे-धीरे कई अन्य महर्षि भी श्राद्ध कर्म करने लगे और पितरों को अन्न का भोग लगाने लगे। जैसे-जैसे श्राद्ध की परंपरा बढ़ती गई देवता और पितर...
माना जाता है कि पितृपक्ष के 16 दिनों के दौरान सभी पूर्वज अपने परिजनों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी लोक पर आते हैं। वे भी अपने घर परिवार का ही हिस्सा होते है, उनके लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंड दान किया जाता है। इन अनुष्ठानों को करना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे...
शास्त्रों के अनुसार जब महाभारत के युद्ध में दानवीर कर्ण का निधन हो गया और उनकी आत्मा स्वर्ग पहुंची, तो उन्हें खाने के लिए भोजन की बजाय सोना, चांदी और गहने दिए गए। हैरान होकर कर्ण की आत्मा ने इंद्र देव से इसका कारण पूछा, तब इंद्र देव ने कर्ण को बताया कि आपने अपने पूरे...
हरतालिका तीज वास्तव में 'सत्यम शिवम सुंदरम' के प्रति आस्था और प्रेम का व्यवहार है। वास्तव में हरतालिका तीज सुहागन का त्यौहार है। भारतीय संस्कृति एवं हिंदू धर्म में महिलाओं के जो विशेष व्रत होते हैं, उसमें हरतालिका तीज का विशेष एवं महत्वपूर्ण स्थान है। अन्य व्रत की अपे...
दर्शनीय स्थल
गणेश जी की आरती: श्री गणेश जी की पूजा में विशेष रूप से गाई जाने वाली आरती। यह आरती सभी विघ्नों को हरने वाले, बुद्धि और समृद्धि के देवता गणेश जी को समर्पित है। गणेश चतुर्थी और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर गणेश जी की आरती का महत्व अधिक होता है।
कहते हैं, शिव की आराधना करने से हमारे सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और हमारी जो भी मनोकामनाएं है वह पूरी होती है। हमारे त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश इनके आधार पर ही यह दुनिया चलती है। इनका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ ना दिखाई देने वाली शक्ति की तरह होता है। जिसका एहसास हमें...
योग रखे निरोग
मसूड़ों में खून निकलना और सूजन आना
1/4 चम्मच हल्दी पाउडर, 1 चुटकी नमक, 2-3 बूंद सरसों का तेल लें, सबको अच्छी तरह मिलाएं और प्रतिदिन दांतों और मसूड़ों पर धीरे-धीरे मालिश करें। इससे दांत सफेद और मसूड़े मजबूत हो जाते हैं।
बालों का झड़ना
1/2 kg नारियल का तेल और 50 ग्राम करी पत्ते (मिठा नीम), दोनों को 5 मिनट साथ उबालें और फिर तेल को ठंडा होने दें। फिर उस तेल को छान कर एक बोतल में भरदे। सप्ताह में दो बार मालिश करें। बाल मजबूत होंगे और चमकदार भी बनेंगे।
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जयपुर शहर के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह जी ज्योतिष, खगोल शास्त्र, अंतरिक्ष विज्ञान एवं वास्तुशास्त्र के विशेषज्ञ थे। उनके शासन काल में इन विषयों पर अनेको ग्रंथो की रचना की गयी। उनके द्वारा ग्रह...
वनदेवी मां अंगार मोती परम तेजस्वी 'ऋषि अंगिरा' की पुत्री हैं। जिनका आश्रम, सिहावा के पास गंढाला में स्थित है। कहते हैं कि, मां अंगार मोती एवं मां विंध्यवासिनी दोनों बहने हैं। कहा जाता है कि, देवी का मूल मंद...
शक्ति पीठों की इस श्रृंखला में, अगला नाम "अंबिकापुर की माँ महामाया" का आता है। जिनका एक नाम अंबिका भी है। जिनके नाम पर यह शहर, अंबिकापुर कहलाया। महामाया मंदिर की स्थापना १५वी शताब्दी के आसपास हुई थी। यह एक जागृत एवम् स...