घर-आंगन में रेहान ने नयी विज्ञान की रंग-बिरंगी पुस्तक अपने जन्मोत्सव पर अपनी नानी अम्मा से पाकर काफी खुश था। वह उस पुस्तक को पढ़कर और देखकर अपने कमरे में साज सज्जा करते हुए आशियाने को बनाते रहता था। उसे अपने इस काम में बहुत मज़ा आता था। अपने कमरे में रखें हु...
राघव अनमना सा हो पढ़ने की कोशिश कर रहा था किंतु वह विषय उसकी रूचि का न होने से उसे कुछ भी याद नहीं आ रहा था और कुछ देर पहले मम्मी की कही हुई बात मानो उसके कानो में शूल चुभो रही थी इस बार अच्छे अंक प्राप्त करने का वह भी प्रयास कर रहा था किंतु पढ़ाई और मम्मी का दबाव दोन...
"लगता है तुम फिर मुंगेरीलाल की तरह सपने देखने लगे हो हरिया कहते हुए श्याम मुस्कुराने लगा हर साल यहीं क्रम चलता है तुम्हारा, मृग लगे नहीं की तुम्हारे सपनों की डोर तो जैसे आसमान छूने लगती है। अरे जो बादल गरजते हैं वो बरसते नहीं समझ लेना इतने ख्वाब देखना और फिर...
हैलो हैलो! क्या बात है ठेकेदार आधी रात में फोन करने का कारण...? सर मैंने आपसे पहले ही कहा था इतनी रेत मिलाना सही नहीं है, पर आपने उस समय हँसकर बात टाल दी आपने ही कहा था रास्ते टूटेंगे, खराब होंगे तभी तो हमें और तुम्हें बार बार काम मिलेंगे। "अरे भई हुआ क्या क...
घर में शादी का माहौल था। आंगन में लगन बंधाने की रस्म की तैयारी चल रही थी। तीन दिन बाद सरला की शादी थी। लड़का- सी आर पी एफ का जवान था। दो माह पहले ही ज्वाइनिंग हुई है। शादी के बाद उसे सीधे ट्रेंनिग में शामिल होना था। नौकरी वाला दामाद मिलने से घर में सभी खुश थे। घर आंगन...
वह अपने उस छोटे से घर को बहुत ज्यादा प्यार करता था। उस घर की एक-एक चीज से, एक-एक सदस्य से। एक अनुभवी माली की तरह वह अहर्निश बिला - नागा अपनी बग़िया को सजाने-सँवारने में लगा रहता। बाजार से कलेण्डरनुमा एक ब्लैकबोर्ड लाकर बैठक की दीवार पर टाँग दिया और रोज सुबह र...
आसमान में उड़ती रंग बिरंगी पतंगों ने विभा का ध्यानाकर्षण किया वह टकटकी लगाए उन्हें अपलक निहार रही थी। तभी "ये कटी, ये कटी" की आवाज ने उसकी तंद्रा भंग की यह आवाज मानों उसके कानों में शूल चुभा रही थी, उसकी आंखों के समक्ष जीवन की वास्तविकता का चित्रण उभर आया और...
दुल्हन का लिबास पहने जैसे ही दर्पण में आभा अपना प्रतिबिंब निहार रही थी तभी मॉं ने कमरे में प्रवेश किया। आभा तुनक कर मॉं से कहने लगी "घाघरे का यह रंग तो मुझे पसंद ही नहीं आया मॉं, देखो न यह मुझपर जरा भी नहीं फब रहा और यह ज्वेलरी भी"... ओह! कितना पुराना फैशन। आजकल...
बड़ी ही सजकता से बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी कर रहा था। मैंने पहले ही मन मे ठान लिया था कि आज किसी को भी हिलने का मौका नहीं दूंगा। पेपर बंटने से पहले कक्षा में चिल्लपों मचा हुआ था। जैसे ही पेपर दिया कक्षा में शांति सी छा गई मानो कक्षा में मेरे और अन्य कक्...
दीपावली जैसे जैसे करीब आ रही थी गेंदा का दिल बैठे जा रहा था, तीन वर्षों से अभावों के चलते वह अपने प्राणो से प्रिय बच्चों को मिठाई खिलाने में भी असमर्थ थी। चिंता के सागर में डूबी सोचने लगी काश! यह आतिशबाजी और दीपों की जगमगाहट न होती तो बच्चों को दीपावली के आन...
एक दिन भगवान श्रीकृष्ण की आठों रानियाँ—रुक्मिणी, जाम्बवती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रविंदा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा—सभी ने राधा से जिज्ञासा की:
"राधा, कृष्ण से विवाह तो हमारा हुआ, लेकिन सदा उनका नाम तुम्हारे साथ ही क्यों...
