रवि अपने बच्चे शीनू से बहुत परेशान रहता था। जब से कोरोना आया है तबसे सभी बच्चे ऑनलाइन पढ़ रहे थे। शीनू को भी ऑनलाइन पढ़ना था परंतु घर पर एक ही स्मार्ट फोन था। रवि को अपने ऑफिस का सारा काम इसी स्मार्ट फ़ोन से करना पड़ता था। अतः एक और स्मार्ट फ़ोन की तत्काल जरूरत थ...
नववर्ष के स्वागत में पूरा शहर रोशनी की जगमगाहट में चमचमाता नजर आ रहा था जैसे आसमां में सितारे जड़े होते है बिल्कुल उसी तरह सर्द की ठिठुरती गहन रात में यह रोशनी सितारों की भांति राहगीरों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी। बाजार रंग-बिरंगे भेंट वस्तुओं से सुसज्जित...
बरसात का मौसम हो चला था। सूखे दरख़्त पानी की आस लगाए अब भी ऊपर टकटकी लगाए खड़े थे। पूरे चार बरस हो आए थे आख़िरी मानसून आए हुए, कारण भी लगभग तय ही था, फैक्ट्रियों औट कोंक्रीट के महल खड़े करने के लिए जंगल और पहाड़ काटने से वातावरण का संतुलन जो बिगड़ गया था। अपने रसूखदार...
नवरात्रि के नौ दिन में कमला देवी घर में नित्य घी का दीपक लगा अखंड ज्योत प्रज्वलित रखती, आरती, धूप होती, अखंड पाठ चलता पूरा घर भक्तिमय तरंगों से पावन हो जाता। अष्टमी पर बेटा, बहू भी एक हफ्ते की छुट्टी लेकर आ जाते और फिर घर में रौनक छा जाती। आज नवमी थी और सुबह सुबह...
अरे गंगा मौसी आज फिर आपने आने में देरी कर दी मुझे समय से शाला पहुंचना होता है, विद्यार्थियों को अनुशासन सिखाती हूँ तो मुझे भी अनुशासित रहना चाहिए। बहूरानी अभी कर देती हूँ काम चिंता ना करो, आज हो गई जरा देरी। बहूरानी हमारी बस्ती में बच्चे शाला तो जाते है पर पढ़ते...
मोहन बेटा ! मैं तुम्हारे काका के घर जा रहा हूँ।
क्यों पिताजी ?
और आप आजकल काका के घर बहुत जा रहे हो ...? आपका मन मान रहा हो तो चले जाओ ... पिताजी !!! लो ये पैसे रख लो, काम आएंगे ।
पिताजी का मन भर आया, उन्हें आज अपने बेटे को दिए गए संस्कार लौटते नजर आ रहे थे।
तुमने बताया नहीं घनश्याम, कि मैं क्या करूं?
क्या सारे बिंड़ा (टंकियां) तुड़वा दूं और यह सारा बीज खत्म कर दूँ?
एक बार फिर अपना सवाल लेकर चाचा मेरे सिर पर सवार थे। मैंने उन्हें फिर समझाया, "देखो चाचा हम गांव वाले हैं, जब खेत में बीज बोते हैं तो यह ठीक से जानना चाहते हैं कि हमारी जमीन...
