छोटा बेटा कर्तव्य, अपनी बयासी साल की वृद्ध माँ की सेवा को ही अपना धर्म समझता था। "मातृदेवो भव:।" यही उसका जीवन मंत्र था।
बड़ा बेटा भाविक अपने परिवार समेत पास की सोसाइटी में ही रहता था। माँ रोज़ अपने बेटे-बहू और बच्चों को याद किया क...
छोटा बेटा कर्तव्य, अपनी बयासी साल की वृद्ध माँ की सेवा को ही अपना धर्म समझता था। "मातृदेवो भव:।" यही उसका जीवन मंत्र था।
बड़ा बेटा भाविक अपने परिवार समेत पास की सोसाइटी में ही रहता था। माँ रोज़ अपने बेटे-बहू और बच्चों को याद किया क...
"अरी ओ रत्ना, आसमान में बादल देखो कैसे बरसने को बेताब हो रहे है, अबकी तुम्हारे कानों के झुमके घड़वा दूंगा, तुम भी चलना सूनार के और अपनी पसंद से ही बनवा लेना। शामा के बापू मेघ लगते ही तुम्हारे सपनों को पंख लग जाते हैं कहते हुए रत्ना खिलखिलाने लगी।"
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एक घने जंगल में एक विशाल वटवृक्ष के पास पीपल के एक बिरवे ने जन्म लिया। विशाल वटवृक्ष की लंबी सैकड़ों बरोहें धरती को वटवृक्ष के चारों ओर से जकड़ी हुई थीं। नन्हें पीपल को बड़ा आश्चर्य होता था, वह प्रतिदिन सुबह से शाम तक वटवृक्ष और उसकी सैकड़ों बरोहों को देखता और अचरज से...
कॉलेज के छात्रसंघ के चुनाव में मुख्य आकर्षण अध्यक्ष पद का होता है अध्यक्ष पद पर वैसे तो कई प्रत्याशी मैदान में थे परंतु मुख्य संघर्ष संजय और देव के बीच था। मैं देव के समर्थकों में से एक था। देव मेरा लंगोटिया यार था। हम बचपन से अब एक साथ खेले कूदे और पढ़े थे। इंटरमीडिए...
गर्मी की छुट्टियां लगते ही अनु का मन बचपन के गलियारों में पहुंच जाता। मायके में कितनी निश्चिंतता रहती है यह सोचते हुए उसके मुख पर मुस्कान बिखेर गई और मॉं के हाथ का बना भोजन पाने उसका मन ललचा उठा। दूसरे ही क्षण पापा के न रहने का गम उसे भीतर तक कचोट रहा था उनक...
चिलचिलाती धूप में जैसे ही सिंग्नल की लाल बत्ती जली मन ही मन मैं बड़बड़ाई कभी गोद में लेटी परी को देखती तो कभी सिंग्नल को। कल रात से परी का बुखार कम हो ही नहीं रहा था उस चंचल परी की चुप्पी देख मॉं का हृदय व्यथित हो उठा। डॉक्टर ने कुछ दवाईयां बदल क...
मम्मा मम्मा क्या पापा होली पर हमारे साथ रंग खेलने भी नहीं आयेंगे भगवान जी को बोलिये ना मेरे पापा को चार दिन तो छुट्टी दे, ढाई साल की परी रंगोत्सव मनाने के लिए आतुर हो रही थी, दिव्या अपनी भावनाओं को काबू में रखने का भरसक प्रयास कर रही थी, आंसुओं का सैलाब उमड़...
सुबह का समय था। बाहर से मेरे कुछ दोस्त आये हुए थे। कुछ खाने पीने के बाद हम साथ बैठे चाय पी रहे थे। तभी हमने देखा दुखना घर आ गया है। वहीं से मैंने उसे आवाज दी- 'अरे दुखना !'
तब वह पानी पी रहा था।
आप अरे कह कर बुलाते हैं उसे बुरा नहीं लगता है ? - एक दोस्त ने...
रवि अपने बच्चे शीनू से बहुत परेशान रहता था। जब से कोरोना आया है तबसे सभी बच्चे ऑनलाइन पढ़ रहे थे। शीनू को भी ऑनलाइन पढ़ना था परंतु घर पर एक ही स्मार्ट फोन था। रवि को अपने ऑफिस का सारा काम इसी स्मार्ट फ़ोन से करना पड़ता था। अतः एक और स्मार्ट फ़ोन की तत्काल जरूरत थ...
नववर्ष के स्वागत में पूरा शहर रोशनी की जगमगाहट में चमचमाता नजर आ रहा था जैसे आसमां में सितारे जड़े होते है बिल्कुल उसी तरह सर्द की ठिठुरती गहन रात में यह रोशनी सितारों की भांति राहगीरों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी। बाजार रंग-बिरंगे भेंट वस्तुओं से सुसज्जित...