Bhartiya Parmapara

अलविदा मेरे प्यारे बेटे

बरसात का मौसम हो चला था। सूखे दरख़्त पानी की आस लगाए अब भी ऊपर टकटकी लगाए खड़े थे। पूरे चार बरस हो आए थे आख़िरी मानसून आए हुए, कारण भी लगभग तय ही था, फैक्ट्रियों औट कोंक्रीट के महल खड़े करने के लिए जंगल और पहाड़ काटने से वातावरण का संतुलन जो बिगड़ गया था। अपने रसूखदार...

कन्या पूजन

नवरात्रि के नौ दिन में कमला देवी घर में नित्य घी का दीपक लगा अखंड ज्योत प्रज्वलित रखती, आरती, धूप होती, अखंड पाठ चलता पूरा घर भक्तिमय तरंगों से पावन हो जाता। अष्टमी पर बेटा, बहू भी एक हफ्ते की छुट्टी लेकर आ जाते और फिर घर में रौनक छा जाती। आज नवमी थी और सुबह सुबह...

शिक्षा जीवन का आधार

अरे गंगा मौसी आज फिर आपने आने में देरी कर दी मुझे समय से शाला पहुंचना होता है, विद्यार्थियों को अनुशासन सिखाती हूँ तो मुझे भी अनुशासित रहना चाहिए। बहूरानी अभी कर देती हूँ  काम चिंता ना करो, आज हो गई जरा देरी। बहूरानी हमारी बस्ती में बच्चे शाला तो जाते है पर पढ़ते...

जीवन सार : प्रेरणादायक कहानी

मोहन बेटा ! मैं तुम्हारे काका के घर जा रहा हूँ।

क्यों पिताजी ?

और आप आजकल काका के घर बहुत जा रहे हो ...? आपका मन मान रहा हो तो चले जाओ ... पिताजी !!! लो ये पैसे रख लो, काम आएंगे ।

पिताजी का मन भर आया, उन्हें आज अपने बेटे को दिए गए संस्कार लौटते नजर आ रहे थे।

उपहार

आराधना के चेहरे की खुशी देखते ‌ही बनती ज्यों ज्यों रक्षा बंधन का समय निकट आता उसके अंतर्मन में स्नेह की भावनायें उमड घुमड़ कर बरसने को‌ बेताब रहती। बच्चे भी मामा मामी के स्वागत हेतु उत्सुक रहते। अपने ‌सारे‌ जरूरी कामों को दरकिनार रखकर आरा...

देसी बीज

तुमने बताया नहीं घनश्याम, कि मैं क्या करूं?

क्या सारे बिंड़ा (टंकियां) तुड़वा दूं और यह सारा बीज खत्म कर दूँ?

एक बार फिर अपना सवाल लेकर चाचा मेरे सिर पर सवार थे। मैंने उन्हें फिर समझाया, "देखो चाचा हम गांव वाले हैं, जब खेत में बीज बोते हैं तो यह ठीक से जानना चाहते हैं कि हमारी जमीन...

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