Bhartiya Parmapara
परीक्षा और परवरिश की कहानी: दादाजी की सीख और राघव की जीत

परीक्षा और परवरिश की कहानी: दादाजी की सीख और राघव की जीत

राघव अनमना सा हो पढ़ने की कोशिश कर रहा था किंतु वह विषय उसकी रूचि का न होने से उसे कुछ भी याद नहीं आ रहा था और कुछ देर पहले मम्मी की कही हुई बात मानो उसके कानो में शूल...

विश्वास (Faith) - किसानों, सपनों और प्रकृति पर प्रेरक कहानी

विश्वास (Faith) - किसानों, सपनों और प्रकृति पर प्रेरक कहानी

"लगता है तुम फिर मुंगेरीलाल की तरह सपने देखने लगे हो हरिया कहते हुए श्याम मुस्कुराने लगा हर साल यहीं क्रम चलता है तुम्हारा, मृग लगे नहीं की तुम्हारे सपनों की...

होली पर लघुकथा – रंगों से भरी दिल छू लेने वाली कहानी

होली पर लघुकथा – रंगों से भरी दिल छू लेने वाली कहानी

हैलो हैलो! क्या बात है ठेकेदार आधी रात में फोन करने का कारण...? सर मैंने आपसे पहले ही कहा था इतनी रेत मिलाना सही नहीं है, पर आपने उस समय हँसकर बात टाल दी आपने...

वर्तमान दौर में बदलता प्रेम का स्वरूप – एक विचारणीय लेख

वर्तमान दौर में बदलता प्रेम का स्वरूप – एक विचारणीय लेख

वर्तमान परिदृश्य में प्रेम की परिभाषा जिस गति से बदल रही है, वह चिन्तनीय है। प्रेम में एक-दूसरे को आहत करने का भाव जहाँ पनपता है, वह वास्तविक प्रेम है ही नहीं, वह मात्र...

रिश्तों की डोर - पतंग से मिली जीवन सीख

रिश्तों की डोर - पतंग से मिली जीवन सीख

आसमान में उड़ती रंग बिरंगी पतंगों ने विभा का ध्यानाकर्षण किया वह टकटकी लगाए उन्हें अपलक निहार रही थी। तभी "ये कटी, ये कटी" की आवाज ने उसकी तंद्रा भंग की यह आव...

आभूषण | माँ-बेटी के रिश्ते और जीवन के सुंदर संदेश की कहानी | Adornment

आभूषण | माँ-बेटी के रिश्ते और जीवन के सुंदर संदेश की कहानी | Adornment

दुल्हन का लिबास पहने जैसे ही दर्पण में आभा अपना प्रतिबिंब निहार रही थी तभी मॉं ने कमरे में प्रवेश किया। आभा तुनक कर मॉं से कहने लगी "घाघरे का यह रंग तो मुझे पसंद ही नही...

बचपन की सीख | बच्चों को लौटा दो बचपन

बचपन की सीख | बच्चों को लौटा दो बचपन

बच्चे तो माटी के घड़ों से है उन्हें सही रूप में ढ़ालने का दायित्व अभिभावकों का है। आज व्यस्त जीवनशैली के चलते अभिभावकों के पास समय का अभाव पाया जाता है भौतिक संसाधनों क...

बच्चों को लौटा दो बचपन – आधुनिक पालन-पोषण पर एक विचारणीय कहानी

बच्चों को लौटा दो बचपन – आधुनिक पालन-पोषण पर एक विचारणीय कहानी

धिकांश अभिभावकों ने आज बच्चों का बचपन अपनी अभिलाषाओं के तहत रौंद दिया है साथ ही इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का भी इसमें पूरा योगदान है। परिवर्तन संसार का नियम है किंतु परिवर्त...

खुशियों के दीप – उम्मीद और संघर्ष की एक भावनात्मक दीपावली कहानी

खुशियों के दीप – उम्मीद और संघर्ष की एक भावनात्मक दीपावली कहानी

दीपावली जैसे जैसे करीब आ रही थी गेंदा का दिल बैठे जा रहा था, तीन वर्षों से अभावों के चलते वह अपने प्राणो से प्रिय बच्चों को मिठाई खिलाने में भी असमर्थ थी। चिं...

पितृपक्ष की एक भावनात्मक कथा | Pitru Paksha

पितृपक्ष की एक भावनात्मक कथा | Pitru Paksha

"राघव ! तुम तो माँ की तस्वीर को ऐसे निहार रहे जैसे सचमुच मां तुम्हें देख रही हो ..."

गीता, माँ भले ही मुझसे दूर है पर मैं उनका आशीर्वाद हर पल अपने साथ महसूस करता हू्ं, और न जाने क्यों पितृप...

दोस्त – एक प्रेरणादायक कहानी सच्ची दोस्ती और आत्मविश्वास की | भारतीय परंपरा

दोस्त – एक प्रेरणादायक कहानी सच्ची दोस्ती और आत्मविश्वास की | भारतीय परंपरा

पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा, देखते ही देखते भूमि के अगल बगल में ऑटोग्राफ लेने वालों का ताता लग गया आज तो उसका यह पहला ही शो था, और पहले ही प्रोग...

परवरिश - माँ के आत्मचिंतन की कहानी

परवरिश - माँ के आत्मचिंतन की कहानी

मन आत्मग्लानि से लबरेज था धिक्कार है ऐसे मातृत्व पर, आज स्वयं पर ही क्रोध आ रहा था। आँखों से अविरल अश्रुधारा प्रवाहित हुए जा रही थी। मैं अवि को और वे मुझे सजल नैनों से...

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