
हिन्दू धर्म में मान्यतानुसार 33 करोड़ देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है। इन देवी-देवताओं को विधाता ने मनुष्यों की अलग-अलग मनोकामनाओं को पूरा करने का कार्य सौंपा है। पर सप्ताह के सात दिनों में विशेष देवी-देवताओं का पूजन करने से सांसारिक मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। वैसे तो भगवान अर्चना कभी भी कर सकते है पर सप्ताह के सातों दिन का अपना विशेष स्थान है। यह सात दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है, जो हमारे जीवन को मंगलमय बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
आइए जानते हैं सप्ताह का कौन सा दिन किस देवता को समर्पित है, इस दिन कौनसा कार्य करना शुभ होता है और उस दिन क्या उपाय करना लाभकारी होता है।
1. रविवार -
रविवार अर्थात भगवान सूर्य देव का दिन, इस दिन सूर्यनारायण को अरख देकर इनकी आराधना करनी चाहिए। यह मंत्र का जाप करना चाहिए - "आदित्य भास्करो सूर्यो | रवि भानु दिवाकरो, प्रभाकरो गृहण्याधर्य नमोस्तुभ्ये: विभावसोः || "
किसी भी कार्य के शुभारंभ के लिए यह दिन बहुत शुभ है। रविवार के दिन व्रत रखना चाहिए जिसमें घी-तेल, चना, तिल और नमक का परहेज करें। इस दिन नारंगी या पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है। लाल चंदन का टीका और लाल पुष्प से सूर्य देव को अरख लगाना चाहिए और नारंगी या पीले रंग के फल सूर्यनारायण को चढ़ाये।
उपाय – कुंडली में सूर्य से जुड़े दोष को दूर करने या सूर्य को उच्च करने के लिए जल में गुड़ और चावल मिलाकर रविवार के दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करें। निश्चित रूप से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होगी। इस दिन नए काम के लिए घर से पान खाकर निकले तो काम बन जाता है। जिन लोगों को त्वचा से संबंधित रोग हो उनके लिए रविवार का व्रत रखना लाभकारी है। सूरज भगवान की कहानी
2. सोमवार -
सोमवार का दिन भगवान शिव और चन्द्र ग्रह को समर्पित है। देवों के देव महादेव को समर्पित यह दिन कुंवारी कन्याओं के लिए अत्यंत लाभदायी है। मनवाँछित जीवनसाथी पाने के लिए सोमवार के दिन व्रत रखा जाता हैं। भगवान शिव भोले भंडारी है इनको प्रसन्न करना आसान है इसलिए अपनी किसी इच्छा को पूरी करने के लिए सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करे, शिवलिंग पर जल, सफेद फूल (आकड़े का फूल), चढ़ाये और व्रत रखे। सोमवार का व्रत सूर्य उगने के साथ ही शुरू होता है और सूर्यास्त के बाद तक चलता है इसलिए सूर्य के ढलने के बाद ही व्रत खोलना चाहिए।
सोमवार का यह वार सभी कार्यों के लिए अति शुभ होता है। शादी, नामकरण, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, नया वाहन, कॉलेज या स्कूल में प्रवेश आदि के लिए यह अत्यंत शुभ दिन है। बदी के सोमवार को शीतलामाता की पूजा करके ठंडा खाना खाते है।
सोमवार के दिन अमावस या पूर्णिमा पड़ना बहुत पवित्र होता है। सोमवार की अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है, इस दिन रखा गया व्रत का फल बहुत अच्छा माना जाता है। इसके अलावा उत्तरी भारत, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों में श्रावण महीने में पड़ने वाले सोमवार, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश और कर्नाटक में कार्तिक माह के सोमवार का विशेष महत्व है।
उपाय – सोमवार के दिन सफेद या गुलाबी रंग शुभ होता है। सफेद चंदन का तिलक करें और दर्पण में मुख देख कर घर से निकले तो आपके रुके हुए कार्य भी समपन्न हो जाते है। आज के दिन एक भाई की बहन को सिर नहीं धोना चाहिए।
3. मंगलवार -
मंगलवार का दिन हनुमान जी, भगवान गणेश (कुछ जगह पर), मंगल ग्रह और माँ काली को समर्पित है। इस दिन व्रत रखने से जीवन में अमंगल नहीं होता। पुत्र प्राप्ति के लिए भी पति -पत्नी दोनों मंगलवार का व्रत रखते हैं। इस दिन हनुमान जी की पूजा करके चूरमे का भोग लगाना चाहिए, सुन्दरकाण्ड का पाठ करना और हनुमान चालीसा पढ़ना शुभकारी होता है।चूरमे के अलावा हनुमान जी को गुड़, चने और लाल रंग की मिठाईयों का भोग भी लगा सकते है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह को प्रसन्न रखने के लिए इस दिन व्रत रखना चाहिए। मंगल ग्रह को समस्याओं का जनक माना जाता है इसलिए मंगलवार का व्रत रखकर लोग मंगल ग्रह की कुदृष्टि से बचने की कोशिश करते हैं।
यह दिन कुछ कार्यो के लिए शुभ है तो वहीं कुछ कार्यों के लिए अशुभ भी है। इस दिन आप नए मकान का कार्य शुरू कर सकते हैं, परन्तु नए वस्त्र पहनना या सिलवाना इस दिन सही नहीं होता है।
उपाय – इस दिन लाल वस्त्र पहनना शुभ होता है। यदि किसी व्यक्ति का मंगल कमजोर हो, तो उसे मसूर की दाल दान में देना चाहिए | श्री राम भक्त हनुमान जी का नाम लेकर और गुड़ खाकर घर से निकले तो काम पुरे होते है ।
4. बुधवार -
बुधवार का दिन भगवान गणेश, कृष्ण के अवतार विट्ठल और बुध ग्रह को समर्पित है। किसी भी नए कार्य को शुरु करने के लिए यह दिन बहुत उपयुक्त है। इस दिन गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाए। कुछ क्षेत्रों में इस दिन भगवान विष्णु की भी आराधना होती है। ऐसा माना जाता है कि वे लोग जो इस दिन व्रत रखते हैं उनके परिवार में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही उनकी बुद्धि में भी विकास होता है।
ज्योतिष में बुध ग्रह की शांति के लिए बुधवार के दिन बुध की पूजा करते है उन्हें सफ़ेद पुष्प और हरे रंग की वस्तुये चढ़ाई जाती है |
यह दिन नए घर में प्रवेश करने और नए वस्त्र धारण करने के लिए शुभ होता है।
उपाय – इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है। मूंग दाल, घी व दही का दान करने से समाज में मान प्रतिष्ठा बढ़ती है और बुद्धि तेज भी प्रबल होता है। किसी की कुंडली में बुध कमजोर हो तो उसे साबूत मूंग की दाल नहीं खानी चाहिए। वहीं मूंग दाल के भिगोकर जानवरों को खिलाने से बुध की कृपा मिलती है। बुधवार के दिन दूसरे शहर की यात्रा नहीं करनी चाहिए | पीहर से ससुराल और ससुराल से पीहर भी नहीं जाना चाहिए |
5. गुरुवार -
गुरुवार या बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु और उनके अवतारों के साथ साथ माँ सरस्वती और बृहस्पति देव को भी समर्पित है। किसी भी कार्य की शुरुआत के लिए यह दिन अत्यंत शुभ है। इस दिन कोई भी काम शुरू करने से सफलता मिलती है। साथ ही इस दिन की गई यात्राएं भी शुभ फलदायक होती है।
बृहस्पति देव सभी ग्रहों के गुरु माने जाते है तो बृहस्पतिवार का दिन बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम दिन है। यही वजह है कि गुरुवार को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। बृहस्पति देव की पूजा करना अत्यंत फलदायी है | बृहस्पति देव के लिए केले के पेड़ की पूजा होती है, जिसमे गुड़, चने की दाल और पीले पुष्प होने चाहिए | पूजा सुबह जल्दी करे और कहानी जरूर सुननी चाहिए | आज के दिन व्रत रखने वाले लोग इस दिन घी और चने की दाल या फिर पीले रंग के किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं। जो लोग बृहस्पतिवार का व्रत रखते हैं उन पर बृहस्पतिदेव प्रसन्न होते हैं और उन्हें धन, पुत्र और विद्या और खुशहाल जीवन प्रदान करते हैं।
उपाय – कुंडली में बृहस्पति को मजबूत बनाने के लिए इस दिन कढ़ी चावल का सेवन करें और साथ पीले कपड़े में गेहूं बांधकर दान करें। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने और पीली चीजों का दान करना शुभ होता है। इस दिन महिलाओं को सिर नहीं धोना चाहिए, घर में पोछा भी नहीं करनी चाहिए और आदमियों को भी हजामत नहीं करनी चाहिए इससे दरिद्रता आती है |
6. शुक्रवार -
शुक्रवार का दिन महालक्ष्मी, दुर्गा, वैभव लक्ष्मी, संतोषी माँ, बालाजी और शुक्र ग्रह को समर्पित है। शुक्रवार का व्रत अलग-अलग वजहों से रखा जाता है। कुछ लोग संतान की प्राप्ति के लिए, तो कुछ खुशहाल जीवन के लिए और कुछ लोग बाधाओं को दूर करने के लिए शुक्रवार का व्रत रखते हैं। शक्ति की देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए यह दिन बहुत अच्छा होता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार लगातार 16 शुक्रवार के दिन व्रत रखना बेहद शुभ होता है। इस व्रत में खटाई नहीं कहते है। इस दिन लाल या सफ़ेद कपड़े पहनने चाहिए और इसी रंग की चीजों का दान करना लाभकारी है। शुक्रवार के दिन घर में खीर बना कर गरीबों में बांटने से घर के भंडार भरते हैं।
उपाय – इस दिन शाम को यात्रा करना शुभ होता है। अगर किसी के कुंडली में शुक्र नीच का है, तो ऐसे व्यक्ति को गाय की सेवा करनी चाहिए। शुक्रवार के दिन खीर, दही और सफेद वस्त्र मंदिर में चढ़ाएं।
7. शनिवार -
शनिवार का व्रत न्याय के देव शनि ग्रह की समर्पित है। शनि का रंग काला है इसलिए इस दिन काले वस्त्र पहनना शुभ होता है। तेल, काले कपड़ों और काले तिल का दान करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। आज के दिन हनुमान जी की अराधना भी विशेष फल देती है। आज के दिन शनि देव और हनुमान जी को तेल जरूर अर्पित करे। पीपल के पेड़ को जल चढाना शुभ होता है।
ज्योतिष विद्या पर विश्वास रखने वाले लोग ही शनिवार का व्रत रखते हैं। यह व्रत शनिदेव की कुदृष्टि से बचने के लिए रखा जाता है। इस दिन नए कपड़े सिलवाना और पहनना निषेध है। इस दिन कोई नया काम आरंभ करने और यात्रा करने से भी बचना चाहिए।
उपाय – यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि नीच का हो, तो उसे शनिवार के दिन तामसिक चीजें और काले उदड़ का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन सिर में तेल नहीं लगाते है। बाजार से घी, तेल, नमक, मिट्टी, लकड़ी, कोयला और तरबूज घर पर नही लाना चाहिए। आज के दिन पान खाकर निकलना भी अच्छा माना जाता है |
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