Bhartiya Parmapara

दोस्त – एक प्रेरणादायक कहानी सच्ची दोस्ती और आत्मविश्वास की | भारतीय परंपरा

पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा, देखते ही देखते भूमि के अगल बगल में ऑटोग्राफ लेने वालों का ताता लग गया आज तो उसका यह पहला ही शो था, और पहले ही प्रोग्राम में उसे इतनी सफलता मिल जायेगी इसकी तो उसे दूर दूर तक उम्मीद नहीं थी। उसकी आवाज में गजब का जादू देख बहुत से लोग आगे के प्रोग्राम हेतु उससे बुकिंग करवाना चाह रहे थें उसे तो अधिक इस तरह के आयोजनों की जानकारी तक नहीं थी, कितनी धन राशि लेनी चाहिए यह भी नहीं पता था, इसलिए वह केवल फोन पर संपर्क करे इतना कहते हुए आगे बढ़ रही थी। भीड़ में भूमि की नजरे हर्ष को ढूंढ रही थी इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा योगदान तो हर्ष का रहा है वह सबसे पहले उसे शुक्रिया अदा करना चाहती थी, पर वह कहीं नजर नहीं आया तो वह भीड़ को लांघते हुए तेज कदमों से बाहर निकल पड़ी।

कार पार्किंग के पास निशीगंधा के फुलों का बड़ा सा गुलदस्ता लिए हर्ष उसके स्वागत में खड़ा था। "गुलदस्ता दे हर्ष कार का गेट खोलते हुए उसे कहने लगा, महान सेलिब्रिटी जी बैठिए इस पर वह खिलखिलाने लगी खुशी से उसकी ऑंखों से ऑंसू लुढ़क गालो पर आ गये हर्ष उन्हें पोंछते हुए कहने लगा भूमि अब तुम्हारे जीवन को नई दिशा मिल चुकी हैं तुम्हें बहुत आगे बढ़ना है।"

भूमि तीन बहनों में सबसे बड़ी थी किन्तु उसका रंग गहरा सांवला होने से उसे कितने ही लड़के देखने आते और नापसंद कर चले जाते आये दिन इस से घर में चिक-चिक होते रहती माता पिता भी इस कारण गहरी चिंता में रहते थककर उन्होंने छोटी बेटी की शादी कर दी। भूमि को संगीत से विशेष प्रेम था उसी क्षेत्र में उसने बहुत डिग्रियां भी हासिल कर ली थी पर भीतर संकोच के चलते वह अपनी कला को चार लोगो के समक्ष प्रस्तुत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी। अपने रंग के कारण वह आत्मग्लानि से ग्रसित रहने लगी। हर्ष भूमि का बचपन का साथी था उनकी दोस्ती गंगाजल की तरह पवित्र थी। हर्ष से वह हर बात साझा करती।  

हर्ष ने ही व्यापारी असोसिएशन के एक कार्यक्रम दौरान उसे कुछ फिल्मी गीत गाने का अवसर दिया इतने ‌लोगों के बीच स्टेज पर आकर अपने हुनर का प्रदर्शन करने हेतु उसे बहुत हिम्मत जुटानी पड़ी, किन्तु इस सफलता ने उसके भीतर उत्साह भर दिया हर्ष से सलाह लेकर ही वह कार्यक्रमों की स्वीकृति देती। आत्मनिर्भर होने की संतुष्टि से बड़ी हिम्मत मिली। उसकी सुमधुर आवाज के समक्ष उसके रंग की महत्ता गौण हो गई।

                  

                    

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