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राजस्थान – संस्कृति, इतिहास और पर्यटन स्थल

राजस्थान स्थापना दिवस

राजस्थान को राजा-महाराजाओं की भूमि के तौर पर जाना जाता है। राजस्थान को पहले “राजपुताना” कहते थे। हर साल 30 मार्च को राजस्थान का स्थापना दिवस मनाया जाता है। राजस्थान, भारत का सबसे बड़ा राज्य, अपनी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, भव्य महल, किले, रेगिस्तान और लोक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य वीरता, राजपूताना शान और अतुलनीय सौंदर्य का प्रतीक है।

राजस्थान की जनसंख्या आज करीब सवा आठ करोड़ के आसपास है। राजस्थान में कुल 53 जिले हैं। मालपुरा, सुजानगढ़, कुचामन सिटी नए जिले हैं।

राजस्थान में ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहते हैं। राजस्थान में मारवाडी नस्ल के घोड़े प्रसिद्ध हैं। राजस्थान में एक ही हिल स्टेशन है माउंट आबू।

देश में एकमात्र ब्रह्मा जी का मंदिर राजस्थान के पुष्कर में उपस्थित है। पुष्कर का पशु मेला भी बहुत प्रसिद्ध है, हर साल वहां बहुत से विदेशी सैलानी आते है।   
राजस्थान में कालीबंगन नाम का स्थान दुनिया की सबसे पुरानी सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा है।

राजस्थान के शहर किसी न किसी कलर कोड को अपनाए हुए हैं। जैसे - जयपुर गुलाबी शहर है, जोधपुर नीला शहर है, उदयपुर सफेद और झालावाड बैंगनी रंग का शहर है।

सारी दुनिया में प्रसिद्ध अजमेर शरीफ दरगाह राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। राजस्थान अपनी पारम्परिक हस्तशिल्प और हस्तकला के लिये खासतौर पर जाना जाता है। भारत की एकमात्र खारी नदी लूनी, राजस्थान में थार रेगिस्तान से होकर बहती है और गुजरात के कच्छ के रण में समाप्त होती है।

राजस्थान में चलने वाली सिग्नेचर पॅलेस ऑन व्हील्स ट्रेन दुनिया की सबसे शानदार ट्रेनों में से एक है।

जैसलमेर के किले में आज भी वहां के लोग पीढ़ियों से रह रहे है। राजस्थान के बीकानेर में हर साल जनवरी में दो दिन ऊंट महोत्सव का नजारा देखने लायक होता है। बीकानेर शहर से 30 कि.मी. दूर एक चूहा मंदिर है। इसे “करणी माता” मंदिर भी कहते हैं। यहां 25 हजार काले चूहों का माहौल भी चकित करने वाला है। देश और दुनिया के भाविक इस मंदिर में दर्शन के लिये कभी न कभी जरूर आते हैं। दाल-बाटी-चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर-सांगरी, मिर्ची बड़ा, प्याज की कचौरी, घेवर आदि देश और विदेश में प्रचलित है।

राजस्थान में कुल 53 जिले हैं और करीब 45000 गांव हैं। राजस्थान एक औद्योगिक राज्य है। यहां सीमेंट उद्योग, सूती वस्त्र उद्योग, चीनी उद्योग, नमक उद्योग और कांच उद्योग बड़े प्रमाण में देखने को मिलते हैं। यहां के मुख्य उद्योगों में कपड़ा, कालीन, ऊनी कंबल, वनस्पति ऑईल और रंग के अलावा तांबा, जस्ता और रेलवे रोलिंग स्टॉक का निर्माण भी होता है। राजस्थान में कुल 11 हजार कारखाने हैं। यह इण्डस्ट्री के मामले में भारत में 10 वें नंबर पर है।

राजस्थान में राजाओं के शासन काल में बने कई किले, महल और अनोखी इमारतें आज भी मौजूद हैं, जो राजस्थान के इतिहास को दर्शाते हैं। राजस्थान में अलग-अलग कुल 19 भाषाएं हैं। लेकिन अधिकतर मारवाडी और हिन्दी भाषा ही चलती है।

राजस्थान अपनी वीरगाथाओं, लोक संगीत, कठपुतली कला और शानदार किलों के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य न केवल ऐतिहासिक धरोहरों का केंद्र है बल्कि अपने रंगीन मेलों, महोत्सवों और अतिथि सत्कार के लिए भी जाना जाता है।  
"पधारो म्हारे देश!"

 

                                     

                                       

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