नवरात्रि के पांचवे दिन देवी के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है, स्कंदमाता हिमायल की पुत्री पार्वती ही हैं। इन्हें गौरी भी कहा जाता है। कुमार कार्तिकेय को भगवान स्कं...
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जब इस संसार में सिर्फ अंधकार था तब देवी कूष्माँडा ने अपने ईश्वरीय हास्य से ब्रह्माँड की रचना की थी। यही वजह है क&zwj...
शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन माँ दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की आराधना की जाती है। माँ चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों में वीरता, निर्भयता, सौम्यता और विनम्रता का विकास...
नवदुर्गा की नौ शक्तियों का यह दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है। ब्रहा + चारिणी में ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ...
नवरात्रि के त्योहार की 9 दिनों तक बड़ी धूम धाम रहती है, इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है। नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा...
शारदीय नवरात्रि में घट स्थापना, नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना के साथ ही होती है। घट स्थापना को कलश स्थापना भी कहा जाता है। घट स्थापित करके शक्ति की देवी का आह्वान करना...
माना जाता है कि पितृपक्ष के 16 दिनों के दौरान सभी पूर्वज अपने परिजनों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी लोक पर आते हैं। वे भी अपने घर परिवार का ही हिस्सा होते है, उनके लिए...
पकौड़े बनाते समय अगर उसके घोल में एक चमच्च सूजी या एक-चुटकी अरारोट और थोडा गर्म तेल मिला दिया जाये तो पकौडें अधिक कुरकुरे और टेस्टी बनते हैं।
अधिक मास में दान का महत्व: हिन्दू पंचांग के अनुसार अधिक मास एक पवित्र अवधि होती है, जिसमें दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस मास में दान करने से व्यक्ति के पापों का नाश ह...
भारतीय पंचांग (खगोलीय गणना) के अनुसार प्रत्येक तीसरे वर्ष एक अधिक मास होता है। यह सौर और चंद्र मास को एक समान लाने की गणितीय प्रक्रिया है। शास्त्रों के अनुसार पुरुषोत्त...
1.फारसी शब्द ‘हिन्द’ से ही हिन्दी शब्द की उत्पत्ति हुई है जिसका अर्थ ‘सिंधु नदी की भूमि’ होता है।
2. हिन्दी संस्कृत का अपभ्रंश है। संस्...
मानवो द्वारा व्यक्त की गई ध्वनियों को भाषा कहा जाता है। भाषा विज्ञान के अनुसार मनुष्य के द्वारा प्रकट की गई ध्वनियों को शब्द चिन्ह के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है जिन्...
