Bhartiya Parmapara

हिंदू संस्कृति के 16 संस्कार

हिंदू संस्कृति में मनुष्य की आयु, आरोग्य, सुख और समृद्धि बढ़ाने के लिए वेदों में 16 संस्कार बताए गए हैं। शरीर, मन और मस्तिष्क को पवित्र करने के लिए यह संस्कार किए जाते हैं।

१) गर्भाधान संस्कार - उत्तम संतान की प्राप्ति के लिए, होने वाले माता-पिता को गर्भाधान से पूर्व अपने तन और मन की पवित...

तुलसी जी कौन थी? कैसे बनी तुलसी पौधे के रूप म...

भगवान कृष्ण के मित्र सुदामा भी गौ लोक में ही रहते है, जो तुलसी से विवाह करना चाहते है पर तुलसी के रोम रोम में तो सिर्फ भगवान ही बसे है। एक बार भगवान की लीला से अभिभूत हो कर सुदामा तुलसी की प्रशंसा कर रहे थे और तुलसी को भी सुनने में अच्छा लग रहा था तभी राधा - रानी ने द...

सप्ताह के किस दिन करें कौन से भगवान की पूजा |...

हिन्दू धर्म में मान्यतानुसार 33 करोड़ देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है। इन देवी-देवताओं को विधाता ने मनुष्यों की अलग-अलग मनोकामनाओं को पूरा करने का कार्य सौंपा है। पर सप्ताह के सात दिनों में विशेष देवी-देवताओं का पूजन करने से सांसारिक मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। वै...

पूर्णिमा का महत्व | पूर्णिमा व्रत

हमारे सनातन धर्म और ज्योतिष शास्त्र में तिथियों का विशेष स्थान होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा और अमावस्या की तिथि से माह पूरा होता है। पंचांग के अनुसार साल में 12 पूर्णिमा और 12 अमावस्या आती हैं। हर महीने के 30 दिन को चन्द्र काल के अनुसार 15-15 दिन के दो पक्...

खल्लारी माता मंदिर | संभावनाओ का प्रदेश - छत्...

महाभारत काल में शकुनि ने पांडवों के अंत के लिए लाक्षागृह का निर्माण किया, ताकि पांडवों को उसमें भस्म में किया जा सके, यह जानकारी पाकर विदुर ने पांडवों को सुरंग बनाने के लिए कहा। विदुर के कथनानुसर पांडवों ने सुरंग का निर्माण किया। जब लाक्षागृह दाह हुआ पांडव उसी सुरंग स...

महा मृत्युंजय मंत्र का अर्थ, उत्पत्ति और महत्...

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम | उर्वारुकमिव बंधनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात || 

इस मंत्र में 33 अक्षर है जिसमे महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 करोड़ देवी - देवता का प्रतीक माना जाता है। इनमें से 8 वसु, 11 रुद्र, 12 आदित्य, 1 प्रजापत...

माँ बमलेश्वरी मंदिर | संभावनाओ का प्रदेश - छत...

डोंगरगढ़ की माता बमलेश्वरी का मंदिर जो छत्तीसगढ़ के 5 शक्तिपीठों में आता है। माता की महिमा अपरंपार है कहा जाता है कि ममतामई माँ दर्शन मात्र से भक्तों के सारे कष्ट हर लेती है सोलह सौ फीट क ऊंचाई पर माता बमलेश्वरी स्थापित है। 22 सौ वर्ष प्राचीन इस मंदिर में जाने के लिए...

माँ चंद्रहासिनी मंदिर | संभावनाओ का प्रदेश -...

कहा जाता है कि दक्ष यज्ञ के पश्चात जब महादेव ब्रह्माँड में माता सती के शव को लेकर विचरण कर रहे थे तब यहां माँ का बायां कपोल गिरा था, उसी वक्त माँड एवं महानदी के बीच स्थित टापू पर माँ की नथ गिरी थी। टापू पर माँ नाथल देवी का मंदिर स्थित है एवं ऊपर माँ चंद्रहासिनी का मंद...

महामाया मंदिर रतनपुर | संभावनाओ का प्रदेश - छ...

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का ननिहाल छत्तीसगढ़, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हरा भरा, खनिज सम्पदावान प्रदेश छत्तीसगढ़ अपने आप में कई रंग समेटा हुआ है। यहां की परंपरा और संस्कृति को कुछ पृष्ठों में समेटना एक दुरुह कार्य है। छतीसगढ़ का अपना एक प्राचीन धार्मिक इतिहास भी है, जो यहां के सीधे सरल मूल नि...

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