ब्रेन रोट
मजा आ गया अनन्या पार्टी में, सचमुच जिंदगी में खुशियां तो बस सहेलियों के साथ ही मिलती है, अब हम जल्द ही गोवा ट्रिप प्लान करते हैं तब तक तू रिल्स के लिए गाने सिलेक्ट कर के रख लें कहते हुए दोनों खिलखिलाने लगी।
और सुन आज के पार्टी के विडियो, रिल्स शेयर करना जल्दी, कहते हुए रिया निकल पड़ी उसी समय उसके फोन की घंटी बज उठी।
"हैलो, हैलो टीना तुम्हारे तो मजे हैं तुम तो बढ़िया बैंकाक घूमकर आयी हो इंस्टा पर देखी मैंने तुम्हारे फोटोज।“
हाँ रिया कंपनी का आखिरी टूर था पर अब तो मैं जॉब छोड़ रही हूँ।
पागल हो गई है तू इतना अच्छा जॉब छोड़ देगी ?
हाँ ऐसा ही समझ पहले मैं रुपयों के पीछे भागती थी पर अब ऐसा लग रहा है "बच्चों की सही परवरिश करने के लिए उन्हें संसाधनों की नहीं माँ के समय की जरूरत है।"
काफी समय से देख रही हूँ यज्ञ बिना मोबाइल के ना तो कुछ खाता है ना ही दूध पीता है, आया के भरोसे उसे सुबह से छोड़ कर जाती हूँ, "आया माँ की जगह तो ले नहीं सकती" जैसे ही यज्ञ तंग करता है वह मोबाइल थमा देती है उसे और वह उसमें मग्न हो जाता है। डॉक्टर को बताने पर पता चला वह नॉर्मल बच्चों की तरह व्यवहार नहीं कर सकता वह अपनी ही कल्पनाओं में खोया रहता है जिससे उसका मानसिक और बौद्धिक विकास रूक सा गया है।
यह सुनते ही रिया को अपनी ग़लती का अहसास हुआ वह तो कोई जॉब भी नहीं कर रही थी उसने अपनी सोशल मीडिया हिस्ट्री चेक की उसने देखा वह स्वयं दीन में चार घंटे से ज्यादा समय व्यर्थ गंवा रही है और उसे मोबाइल में व्यस्त देखकर उसके बच्चे भी समय से पहले बड़े हो गए। आज बच्चों के परिक्षा के नतीजे खराब आने का कारण उसे समझ तो गया किंतु जो समय बित गया उसका दुबारा जीवन में आना मुमकिन नहीं था अब शेष पश्चाताप के हाथ में कुछ नहीं रहा बच्चों का बिखरा भविष्य देखकर उसकी ऑंखें शर्म से नम हो गई।
बच्चे तो माटी के घड़े जैसे है उन्हें आकार
कैसे देना यह माता- पिता पर निर्भर है।
फोटो, रिल्स, विडियो के चक्कर में उन
पलों का मजा भी पूरी तरह नहीं ले पायी
और उन्हें बार बार देखकर कितना ही समय निरर्थक व्यर्थ करते हैं इसका अनुमान लगाना कठिन है। सोच के सागर में डूबी वह अपने बेटे को कितनी ही बार आवाज लगा चुकी थी पर उसकी गर्दन को बुरी तरह से मोबाइल ने जकड़ रखा था।

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