
मजबूत रोग प्रतिरोधक शक्ति सम्भावित कोविड़ संक्रमण से बचाव में बहुत ही कारगर सिद्ध होगी –
जैसा आप सभी जानते हैं कि कोरोना संक्रमण वापस से अग्रसर होता दिखायी दे रहा है और हमेशा की तरह इस बार भी विशेषज्ञों की राय बँटी हुई है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमण प्रभाव शुन्य रहेगा तो इसके विपरित अनेक ऐसे भी विशेषज्ञ हैं जिनके अनुसार कोरोना संक्रमण बड़े पैमाने पर फैल सकता है। इस सम्भावित कोविड़ संक्रमण पर सरकार ने भी अपनी तरफ से हम सभी को सावधानी बरतने का आग्रह सन्देश दे दिया है।
इन सबको देखते हुये हम स्वयं अपने को ज्यादा से ज्यादा कैसे सुरक्षित रख सकते हैं यह समझना आवश्यक है। इसलिये आप सभी के ध्यान में लाना चाहता हूँ कि बीते तीन सालों में हमने अनेक विशेषज्ञों की कोरोना पर सलाह को टेलीविजन पर सुना व अखबारों में भी पढ़ कर समझा है, इसके अलावा अनेक वो जो क्वारंटाइन से मुक्त हुये उनके अनुभव भी सुनें, जिसका निष्कर्ष यही समझ में आया कि जिसकी "इम्युनिटी" (शरीर की स्वयं रोगों से लड़ने की ताकत/रोग प्रतिरोधक शक्ति) अच्छी होगी / मजबूत होगी उसे हर प्रकार के रोग से लड़ने में मदद मिलेगी। जिसका सीधा अर्थ यही है कि हर प्रकार की बीमारी से लड़ने में रोग प्रतिरोधक क्षमता निर्णायक भूमिका निभाती है। इसलिये हमें अपना ब्लड प्रेशर व वजन को संतुलित रखने के लिए विशेषज्ञों के राय अनुसार हर दिन व्यायाम व योगासन करते रहना चाहिये क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता आहार, व्यायाम, उम्र, मानसिक तनाव जैसे अनेक कारणों पर निर्भर करती है। हाँ एक तथ्य और का भी ध्यान देना है, वह है नींद क्योंकि आराम दायक गहरी पूरी नींद हमेशा, उपरोक्त वर्णित सभी कृत्य में बहुत ही सहायक रहेगी।
कृपया कर यह भी समझ लें कि कोई उपचार या कोई दवा तभी असर करती है जब शरीर की इम्यूनिटी अच्छी होती है यानि मजबूत होती है। इसका सीधा सीधा मतलब यही है कि किसी भी तरह कि बीमारी से निजात पाने के लिये इम्यूनिटी को बेहतर रखना हमारे स्वयं के हित में है। अब प्रश्न यह उठता है कि जब "इम्युनिटी" ही हर तरह के दुर्लभ बीमारियों तक की दवाई है, तो क्यों न हम अपना सारा ध्यान अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने पर दें।
यहाँ एक बात आप सभी के ध्यान में ला देना चाहता हूँ कि विश्व प्रसिद्ध स्वर्गीय डॉ. के.के. अग्रवाल ने एक बार बताया था कि इम्यूनिटी बेहतर रखने में खानपान का अहम योगदान रहता है। इसलिये प्रोटीन के साथ साथ आहार में पर्याप्त एंटीऑक्सिडेंट, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स और सभी आवश्यक विटामिन और खनिज शामिल होने चाहिए। इसलिये अब हमें यह जान लेने की बहुत आवश्यकता है कि किन किन चीजों से इम्युनिटी बढ़ती है और किन किन चीजों से इम्युनिटी घटती है।
पहले इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों पर ध्यान देते हैं -
1. योग, आसन [शरीरिक संरचना अनुसार], कोई भी खेल नियमित करें।
2. घर का बना शुद्ध भोजन ही करना सर्वोत्तम रहेगा।
3. आंवला (किसी भी रूप मे खाएं - आंवले का विटामिन "सी" कभी नष्ट नहीं होता चाहे भूनें, उबालें, पीसें, सुखाएं या पाउडर बनाएं)।
4. फल (खासकर खट्टे फल खाएं - लेकिन दोपहर में ही खाएं)।
5. सभी तरह की हरी और पत्ते वाली सब्जियाँ, दालें, गुड़, शुद्ध तेल कोई भी (रिफाइंड नहीं), दूध, दही, लस्सी, घी इत्यादि।
6. तुलसी व अन्य आयुर्वेदिक पेय पदार्थ।
शरीर की इम्युनिटी घटाने वाली चीजों से ज्यादा से ज्यादा बचाव करें –
1. मैदा (सबसे विनाशकारी/कब्जकारी पदार्थ, किसी भी रूप मे जैसे ब्रेड, पाव, नान, भटूरे, बर्गर , पिज़्ज़ा, जलेबी, समोसा, कचौरी इत्यादि बिल्कुल भी न खाएं।
2. रिफाइंड आयल बिल्कुल न खाएं। यह आयल रोग- प्रतिरोधक क्षमता को मारता है।
3. चीनी बिल्कुल नही खाएं। इसकी जगह पर गुड़, खांड़ और शहद खाएं।
4. बाहर का कोई भी जंक-फूड न खाएं।
5. प्लास्टिक में बंद और डब्बा पैक खाने को नहीं खाएं।
6. एल्युमीनियम के बर्तनों में भी खाना बनाना बन्द करने में ही भलाई है इसलिये ध्यान दे कर एल्युमीनियम बर्तनों में न बनाएं।
7. छोड दीजिए बीडी, सिगरेट पीना और तम्बाकू, गुटखे खाना क्योंकि यह लत शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाती है।
8. किसी भी प्रकार का कोल्ड-ड्रिंक बिल्कुल नही पीयें। इसकी जगह पर आम का पना, नींबू शरबत (शिकंजी), सत्तू घोल, खांड का शरबत आदि प्रयोग कर सकते हैं।
9. अत्यंत ठंडा फ्रिज का पानी भी ना पियें।
लेकिन अब उपरोक्त वर्णित के अलावा, यहाँ इस बार आने वाली सम्भावित लहर के मद्देनजर निवेदन करना चाहूँगा, जिसपर सभी विशेषज्ञ एकमत हैं जो निम्न हैं –
- आप को "मास्क और दो गज की दूरी...जान बचाने के लिये फिर जरूरी" कि पालना हर हालत में करते रहना है ताकि आप अपने आप को सम्भावित खतरे से आसानी से बचा सकें। यह कदम हमें साधारण सर्दी खांसी में भी संक्रमित होने से बचाता है। इसलिये किसी भी हालत में बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें।
- इसके साथ जहाँ तक सम्भव हो बेवजह बाहर मत निकलिये ताकि भीड़ से बच सकें। वृद्धजनों के लिये तो यह आवश्यक सा ही माने।
इसलिये एक बार फिर यही दोहराना चाहूँगा कि जब तक कोई व्यक्ति अपने रक्षा संस्थान को तैयार नहीं कर लेता, तब तक वह सुरक्षित नहीं है क्योंकि आपकी अपनी इम्युनिटी (रोग- प्रतिरोधक लायक स्वस्थ शरीर) ही हर बीमारी की दवाई है, यही कारण है कि सब समय हर मिलने वाले को कहता रहता हूँ - "हर बीमारी से बचने के लिये, करें रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत।”
Login to Leave Comment
LoginNo Comments Found
संबंधित आलेख
पूर्णिमा का महत्व | पूर्णिमा व्रत
सप्ताह के किस दिन करें कौन से भगवान की पूजा | सात वार का महत्व
महा मृत्युंजय मंत्र का अर्थ, उत्पत्ति और महत्व | महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय रखें इन बातों का ध्यान | Maha Mrityunjaya Mantra
हिंदी भाषा से जुड़े रोचक तथ्य
मंदिर शब्द की उत्पत्ति कब हुई | मंदिर का निर्माण कब से शुरू हुआ?
तुलसी जी कौन थी? कैसे बनी तुलसी पौधे के रूप में ? | तुलसी विवाह
हिंदी वर्णमाला की संपूर्ण जानकारी | हिंदी वर्णमाला
अच्युत, अनंत और गोविंद महिमा
निष्कामता
हर दिन महिला दिन | Women's Day
33 कोटि देवी देवता
हिंदू संस्कृति के 16 संस्कार
हिंदी दिवस
शिक्षक दिवस
राखी
बचपन की सीख | बच्चों को लौटा दो बचपन
बात प्रेम की
महामाया मंदिर रतनपुर | संभावनाओ का प्रदेश - छत्तीसगढ़ | मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का ननिहाल
माँ बमलेश्वरी मंदिर | संभावनाओ का प्रदेश - छत्तीसगढ़
माँ चंद्रहासिनी मंदिर | संभावनाओ का प्रदेश - छत्तीसगढ़
खल्लारी माता मंदिर | संभावनाओ का प्रदेश - छत्तीसगढ़
भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहते थे | भारत देश
विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस | World Menstrual Hygiene Day
ज्योतिष शास्त्र | शनि न्याय प्रिय ग्रह क्यों है ?
वास्तु शास्त्र | वास्तुशास्त्र का उदगम
वास्तुशास्त्र में पूजा कक्ष का महत्व
पंचवटी वाटिका | पंचवटी का महत्व स्कंद पुराण में वर्णित
कृतज्ञता
ज्योतिष की विभिन्न विधाये और राजा सवाई जयसिंह (जयपुर) का योगदान
संस्कारों की प्यारी महक
मिच्छामि दुक्कडम्
सत्संग बड़ा है या तप
ब्रह्मांड के स्वामी शिव
बलिदानी - स्वतंत्रता के नायक
महामृत्युंजय मंत्र | महामृत्युंजय मंत्र जाप
राम राज्य की सोच
भारतीय वैदिक ज्योतिष का संक्षिप्त परिचय
भारतीय वैदिक ज्योतिष का प्रचलन
मैच बनाने की मूल बातें (विवाह और ज्योतिष)
कुंडली मिलान | विवाह के लिए गुण मिलान क्यों महत्वपूर्ण है?
कुंडली चार्ट में घरों की बुनियादी समझ
सनातन संस्कृति में व्रत और त्योहारों के तथ्य
सनातन संस्कृति में उपवास एवं व्रत का वैज्ञानिक एवं धार्मिक पक्ष
2 जून की रोटी: संघर्ष और जीविका की कहानी
प्रकृति की देन - पौधों में मौजूद है औषधीय गुण
प्री वेडिंग – एक फिज़ूलखर्च
दो जून की रोटी
गणेश जी की आरती
भारतीय परम्परा की प्रथम वर्षगांठ
नव वर्ष
नहीं कर अभिमान रे बंदे
आज का सबक - भारतीय परंपरा
चाहत बस इतनी सी
नारी और समाज
माँ तू ऐसी क्यों हैं...?
दर्द - भावनात्मक रूप
पुरुष - पितृ दिवस
मितव्ययता का मतलब कंजूसी नहीं
सावन गीत
आया सावन
गुरु पूर्णिमा - गुरु की महिमा
सार्वजानिक गणेशोत्सव के प्रणेता लोकमान्य तिलक
शास्त्रीजी की जिन्दगी से हमें बहुत कुछ सीखने मिलता है | लाल बहादुर जयंती
कन्याओं को पूजन से अधिक सुरक्षा की जरूरत है ...!
जीवन में सत्संग बहुत जरूरी है
धर्म - धारण करना
आलस्य (Laziness)
प्रतिष्ठित शिक्षक - प्रेरक प्रसंग
राष्ट्र का सजग प्रहरी और मार्गदृष्टा है, शिक्षक
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
संस्कृति का उद्गम संस्कृत दिवस | Culture origin in Sanskrit Day
75 बरस की आजादी का अमृत महोत्सव और हम
एक पाती शिक्षक के नाम – शिक्षक की भूमिका और मूल्य आधारित शिक्षा
रामबोला से कालिदास बनने की प्रेरक कथा – भारत के महान कवि की जीवनी
त्रिदेवमय स्वरूप भगवान दत्तात्रेय
गणतंत्र दिवस – 26 जनवरी का इतिहास, महत्व और समारोह
बीते तीन साल बहुत कुछ सीखा गया | 2020 से 2022 तक की सीखी गई सीखें | महामारी के बाद का जीवन
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं | कोविड से बचाव के लिए मजबूत इम्यूनिटी
वैदिक काल की विदुषी : गार्गी और मैत्रेयी
वर्तमान दौर में बदलता प्रेम का स्वरूप – एक विचारणीय लेख
जल संरक्षण आवश्यक है – पानी बचाएं, भविष्य सुरक्षित बनाएं
कुटुंब को जोड़ते व्रत और त्योहार – भारतीय परंपराओं का उत्सव
मेरे गाँव की परिकल्पना – विकास और विनाश पर एक काव्यात्मक चिंतन
जलवायु परिवर्तन और हमारी जिम्मेदारी: अब तो जागो
राजा राममोहन राय - आधुनिक भारत के जनक | भारत के महान समाज सुधारक
भविष्य अपना क्या है? | तकनीक और मोबाइल लत का युवाओं पर असर
प्रकृति संरक्षण ही जीवन बीमा है – पेड़ बचाएं, पृथ्वी बचाएं
वैदिक काल में स्त्रियों का स्थान – समान अधिकार और आध्यात्मिक ज्ञान
मेरे पिताजी की साइकिल – आत्मनिर्भरता और सादगी पर प्रेरक लेख
लेखक के अन्य आलेख
मेरे पिताजी की साइकिल – आत्मनिर्भरता और सादगी पर प्रेरक लेख
राजा राममोहन राय - आधुनिक भारत के जनक | भारत के महान समाज सुधारक
जलवायु परिवर्तन और हमारी जिम्मेदारी: अब तो जागो
जल संरक्षण आवश्यक है – पानी बचाएं, भविष्य सुरक्षित बनाएं
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं | कोविड से बचाव के लिए मजबूत इम्यूनिटी
बीते तीन साल बहुत कुछ सीखा गया | 2020 से 2022 तक की सीखी गई सीखें | महामारी के बाद का जीवन
त्रिदेवमय स्वरूप भगवान दत्तात्रेय
रामबोला से कालिदास बनने की प्रेरक कथा – भारत के महान कवि की जीवनी
महालया से छठ पूजा तक – भारतीय पर्वों की आध्यात्मिक यात्रा
ऋषि पंचमी – परंपरा और प्रेम का पवित्र सूत्र | Rishi Panchami
75 बरस की आजादी का अमृत महोत्सव और हम
प्रतिष्ठित शिक्षक - प्रेरक प्रसंग
शास्त्रीजी की जिन्दगी से हमें बहुत कुछ सीखने मिलता है | लाल बहादुर जयंती
सार्वजानिक गणेशोत्सव के प्रणेता लोकमान्य तिलक
मितव्ययता का मतलब कंजूसी नहीं
प्रकृति की देन - पौधों में मौजूद है औषधीय गुण
राम राज्य की सोच
अक्षय फलदायक पर्व है अक्षय तृतीया
सौभाग्य को बनाये रखने हेतु मनाया जाता है गणगौर पर्व
सत्संग बड़ा है या तप