Bhartiya Parmapara

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस – नारी शक्ति को सलाम

महिला दिवस


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: नारी शक्ति का उत्सव 
हर वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, जो महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक योगदान को सम्मान देने का दिन है। यह दिवस न केवल महिलाओं के अधिकारों और समानता की बात करता है, बल्कि उनके संघर्षों और उपलब्धियों को भी दर्शाता है। दुनिया में महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। आज वे शिक्षा, विज्ञान, खेल, राजनीति, व्यापार और कला जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। समाज में महिलाओं को समान अवसर देने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं, जैसे– बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सशक्त महिला-सशक्त समाज, महिला आरक्षण बिल आदि।  
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में अमेरिका में हुई, जब महिलाओं ने काम के बेहतर अवसरों और समान अधिकारों की मांग की। इसके बाद 1911 में इसे औपचारिक रूप से मनाया गया और 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे आधिकारिक मान्यता दी। तब से लेकर आज तक, यह दिवस महिलाओं की उपलब्धियों और उनके अधिकारों की वकालत करता आ रहा है। महिलाएँ केवल परिवार की रीढ़ ही नहीं, बल्कि समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एक शिक्षित महिला पूरे परिवार को शिक्षित कर सकती है, एक सशक्त महिला समाज को मजबूती दे सकती है। यदि नारी सुरक्षित और आत्मनिर्भर होगी, तो देश भी सशक्त बनेगा।

नारी शक्ति को नमन - 
आज के समय में महिलाओं को केवल घर तक सीमित नहीं रखा जा सकता। वे हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर रही हैं। फिर भी, कई जगहों पर महिलाओं के प्रति भेदभाव और अन्याय देखा जाता है। यह आवश्यक है कि हर व्यक्ति महिलाओं का सम्मान करे और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक रहे। इस महिला दिवस पर हम प्रण लें कि हम हर महिला को समान अवसर और सम्मान देंगे। महिलाओं की शक्ति को पहचानें और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर दें, क्योंकि– "नारी का सम्मान ही समाज की पहचान है!"

 

                                    

                                      

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