भारतीय परम्परा

विजय कुमार जी पपनै

विजय कुमार जी पपनै
विजय कुमार जी पपनै

स्वतंत्र पत्रकार, विशेष संवाददाता गुर्जर जागरण पत्रिका फरीदाबाद ।
विभिन्न पत्र पत्रिकाओं राष्ट्रीय समाचार पत्रों में अनेकों आलेखों का प्रकाशन, लेखन में लगभग 15 से अधिक वर्षों का अनुभव ।
योग आचार्य योग में स्नातक, वाणिज्य में परास्नातक

माटी की महक

माटी की महक

माटी और माँ सम्भवतः दो शब्द एक दूसरे के पूरक ही तो हैं जहां एक माँ अपने आँचल में अपने नोनिहालों का भरपूर पालन पोषण करती हैं वहीं ज़मीन की माटी सम्पूर्ण धरा को संजोने, सवारने, जीवन को आगे ले जाने की सतत प्रयासों में लीन जो रहती है।





©2020, सभी अधिकार भारतीय परम्परा द्वारा आरक्षित हैं। MX Creativity के द्वारा संचालित है |