नाम तपस्या चौबे । जन्म बिहार का चंपारण जिला में हुआ। चंपारण वहीं जहाँ से महात्मा गांधी ने सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी। गाँव और गाँव के क़िस्से दिल में लिए, अभी अमेरिका के इंडियनापोलिश राज्य के इंडीयना शहर में रह रही हूँ।
पढ़ने -लिखने के साथ संगीत और सिनेमा की भी लत है। स्वभाव एक ऐसी लड़की का जिसके पैरों में चक्कर लगे हुए हो। घूमना और यात्रा वृतान लिखना मुझे ख़ूब पसंद है। अब तक, “मनलहरी” और “ऐसे भी कोई करता है भला” नाम से दो ई -बुक लिख चुकीं हूँ।
जाने किसने उसका नाम निर्मला रखा था ? लोग उसे ये नीरमाला -ये नीरमाला बुलाते। मुझे भी ये सुनने की इतनी आदत हो गई थी कि कई बार उसे आवाज़ देते हुए मैं भी पुकार उठती थी ,” ये नीरमाला कहाँ बाडू हो ? बाबु कबसे माला-माला कहअता “