भारतीय परम्परा

पवन जी चौहान

Pawan Chauhan
पवन जी चौहान
हिमाचल प्रदेश

जन्म - 3 जुलाई, 1978
शिक्षा - बी०एससी० (नॉन-मैडिकल), एम०एससी० (मैथ्स), एम०ए० (हिन्दी)।
लेखन - अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कविता, कहानी, बाल कहानी, फीचर आदि का निरंतर प्रकाशन। कुछ कविताओं का भारतीय भाषाओं के साथ नेपाली में अनुवाद।
विशेष - महात्मा गांधी विश्वविद्यालय कोट्टयम, केरल के बी०कॉम० तथा राष्ट्रसंत तुकाड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर के बी०ए० पाठ्यक्रम में यात्रा संस्मरण, हिमाचल व महाराष्ट्र के स्कूली पाठ्यक्रम में बाल कहानी, LEAD के पाठ्यक्रम में कविता तथा सी०बी०एस०ई० संबद्ध निजी विद्यालय के पाठ्यक्रम में यात्रा संस्मरण शामिल।
- लघु शोध प्रबंध- ‘पवन चौहान की बाल कहानियों का आलोचनात्मक विश्लेषण’ (केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला, हि०प्र०)
-‘दिव्यता’ (मासिक पत्रिका) तथा ‘हस्ताक्षर’ (वेब पत्रिका) के बाल विशेषांकों का अतिथि संपादन
- ‘शैल सूत्र’ (नैनीताल) त्रैमासिक पत्रिका का बाल साहित्य संपादन।
- ‘राष्ट्रीय सहारा’ समाचार पत्र की रविवारीय मैगजीन ‘उमंग’ में ‘टूर’ नाम से पर्यटन पर वर्ष 2014 में स्तंभ लेखन।
पुस्तकें - ‘किनारे की चट्टान’ (कविता संग्रह), ‘भोलू भालू सुधर गया’ व ‘बिंदली और लड्डू’ (बाल कहानी संग्रह), ‘हिमाचल का बाल साहित्य’(शोध सन्दर्भ), ‘जड़ों से जुड़ाव’(धरोहर संरक्षण की पहल), ‘वह बिलकुल चुप थी’ (नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित कहानी की पुस्तक) प्रकाशित, ‘21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां हिमाचल’ (संपादन)।
सम्मान - कविता ‘फेगड़े का पेड़’ को वर्ष 2017 का ‘प्रतिलिपि संपादकीय चयन’ में प्रथम पुरस्कार तथा बाल साहित्य में कई सम्मान।

Ravanhatta Instrument

रावणहत्था

जो डालता है राजस्थान के लोकगीतों में जान। रावणहत्था सारंगी का ही एक रुप है। यह राजस्थान का एक विशेष वाद्ययंत्र है जो राजस्थान के लोकसंगीत की पहचान करवाता है और यहां के लोकगीतों में जान फूंकता है। इसके बगैर राजस्थान के लोकगीत जैसे अपाहिज से जान पड़ेगें।









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