आज है हिंदी भाषा दिवस, हिंदी भाषा - राष्ट्र भाषा
नाज़ है हमें अपनी भाषा, अपनी संस्कृति और राष्ट्र पे
हिंदी हैं हमारी शान, हिंदी से हैं हिंदुस्तान,
हिंदी से ही तो हैं, हमारी भावनाओं में जान।
योग,व्यायाम,प्राणायाम ही नहीं है फ़क़त,
जीवन शैली,सिखलाती अनुशासन की वखत।
गर रोज़ करेंगे ध्यान,प्राणायाम और योग,
“हमारी धरोहर,हमारी परम्परा”
अनमोल,अनुपम,अदभुत विरासत है,भारतीय परम्परा।
संस्कारो की उत्कृष्ट अमानत का उद्गम है,भारतीय परम्परा।
मेरे हाथ में है देश की परम्परा
भारतीय परम्परा,जिसको सजाती है भारतीय नारी,
विभिन्नता लिये परिधानो से लुभाती, लहराती है जब अपनी साड़ी ...
...मेरे देश की परम्परा है मेरे हाथ में
कहती है गर्व से भारत की हर नारी
जिसमें पूरा परिवार आदर भावों के संस्कारो की प्यारी सी महक लिये,दूसरों की सुनने से पहले घर में आपसी बातचीत को महत्व देते हुए,सकारात्मक ऊर्जा के सुरक्षा चक्र के अन्दर ख़ुद की बुराइयों की हवा से हिफ़ाज़त करते हुए दुनिया के दूसरे देशों के लिये एकता का उदाहरण पेश करती है। सचमुच महान है भारत की पवित्र परम्परा जो ..
नदी समां अविरल बहती रहती है
माँ की यादें जीवन में
तैरती रहती बन के तस्वीर हर पल
मेरे मन के सागर में
तुमने दिया ये आसमां माँ
ममता की ठंडी छाँव का
बरसता रहा बादल बन
ये सागर तुम्हारे प्यार का
