Bhartiya Parmapara

शिक्षक दिवस

भारत अनेकों परंपराओं से फला फूला देश है। यहाँ की संस्कृति में संस्कारों की महक है, और वहीं खुशबु हमें हमारे संस्कृति से जोड़ते हुए सफलता की चोटी तक पहुँचाती है। 

ऐसा ही एक दिन हम मनाते हैं शिक्षक दिन के नाम से! वैसे तो विश्व में अनेको देशों में अलग अलग दिन यह दिवस मनाया जाता है। परंतु भारत में यहाँ के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पाँच सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी छोटे बड़े अपने अपने ज़िंदगी में शिक्षक बन के आए हुए व्यक्तियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं । वैसे तो एक इंसान के जीवन में शिक्षक के साथ साथ बहुत ऐसे व्यक्ति होते हैं जिनको वह अपना शिक्षक मान सकते हैं और मानते भी हैं। जैसे माता पिता, बंधुजन, मित्रगण, कुछ ऐसे अनजान लोग जो हमारे प्रेरणा स्थान बन जाते हैं, जो हमें समय समय पर प्रोत्साहित करके आगे बढ़ाने की राह दिखाते हैं। उन सभी को हम शिक्षक दिवस के दिन अनायास ही याद कर लेते हैं और मन ही मन आभार प्रकट करके धन्यवाद भी देते हैं। 
 



 

 

परंतु कुछ ऐसे लोग होते हैं जो अपनी ज़िंदगी में एक शिक्षक की कमी को महसूस करते हैं। क्या हम अपने आपको अपना शि़क्षक नहीं बना सकते हैं ? इंसान ख़ुद एक ऐसा व्यक्ति होता है जो स्वयं की खामियों और खूबियों को बख़ूबी जानता है। अपनी ताक़त एवं कमज़ोरियों को अच्छे से पहचानता हैं । दोषों को छुपाने के बजाए, हम चाहें तो अपनी खामियों को कम करके खूबियों को निखार सकते हैं। अपनी कमज़ोरियों को ताक़त में बदल सकते हैं । बस ज़रूरत है तो अपने अंदर के एक अच्छे और ईमानदार शिक्षक को जगाने की ताकि एक श्रेष्ठ विद्यार्थी तैयार हो सके। 

सभी को शिक्षक दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ ! 
धन्यवाद !



 

 

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