Bhartiya Parmapara

अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन | गणपति विसर्जन

हिंदू पंचांग के अनुसार 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव पर घरों और पंडालों में स्थापित विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन अंनत चतुर्दशी पर किया जाता है। लोगों ने 10 दिनों तक बप्पा को अपने घरों को रखा और और उनके पंसदीदा चीजों का भोग लगाकर उनकी पूजा की और उन्हें प्यार किया और अब उनके विदा होने का वक्त आ गया है जो बेहद कष्टदाई होता है| इस दिन बप्पा जी को विधि पूर्वक विसर्जन करते हैं, गणेश जी का आशीर्वाद मिलने से घर में सुख और समुद्धि आती है| जिस तरह हम बप्पा को घर लेकर आते हैं ठीक उसी तरह से हम उनका विसर्जन भी करते हैं ताकि वो हंसी-खुशी अगले साल हमपर अपनी कृपा फिर से बरपा सकें | "गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आना" के जयकारों के साथ अगले बरस जल्दी आने की कामना की जाती है। भक्त अपने-अपने हिसाब से 1.5, 3, 5, 7 और 10 दिनों में भी गणेश विसर्जन करते हैं।

गणेश विसर्जन
भगवान गणेश के विसर्जन की विधि

भगवान गणेश के विसर्जन वाले दिन भी बप्पा की विधि पूर्वक पूजा करें जैसे प्रतिदिन करते हैं। बप्पा को भोग अर्पित करें। उसके बाद एक लकड़ी का साफ-सुथरा पाटा लेकर उस पर गंगाजल डालकर पवित्र कर दें। उस पाटे पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं, उस पर अक्षत अर्पित करें और लाल या पीले रंग का कपड़ा पाटे पर बिछाएं। कपड़े के चारों कोनों पर पूजा की सुपारी रखें, गुलाब के फूलों और पंखुड़ियों को पाटे पर बिखेर दें। गणेश जी के जयकारों के साथ सावधानी से गणेश जी की प्रतिमा को उठाकर पाटे पर रखें, और साथ में गणेश जी के प्रिय मोदक, फल, फूल कुमकुम और वस्त्र, आदि भी रखें।   
एक कपड़े में चावल, गेहूं और पंचमेवा लेकर उसकी पोटली बना लें और साथ में  बांधे दक्षिणा भी रखें, इस पोटली को एक छोटी सी लकड़ी की छड़ी में बांध दें। ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि इससे भगवान गणेश को विसर्जन के लिए ले जाते समय रास्ते में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है।  जिस स्थान पर बप्पा का विसर्जन करना है, वहां पहुंचकर सर्वप्रथम कपूर जलाकर आरती करें। गणेश जी के समक्ष प्रार्थना करते हुए उनसे आशीर्वाद लें और बप्पा से क्षमा माँगे और खुशी-खुशी जयकारों के साथ बप्पा को विदा कर दें। गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित करते समय ऐसे ही पानी में नहीं डालना चाहिए। उन्हें बहुत सम्मान के साथ धीरे-धीर विसर्जित करना चाहिए। 
कोरोना काल के कारण इस बार सामूहिक रूप से गणपति जी का विसर्जन नदियों में नहीं किया जा सकता जो आपकी और लोगो की सुरक्षा के लिए ठीक भी है। ऐसे में आप घर पर ही गणेश जी का विसर्जन करें। उसके लिए एक गमले में पानी भरकर उसमें गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित करें और उसके बाद उसमें थोड़ी ओर मिट्टी डालकर पौधा लगा दें, लेकिन याद रहे की उस गमले मे कभी तुलसी का पौधा न लगाएं क्योंकि तुलसी भगवान गणेशजी को नहीं चढ़ाई जाती है।



 

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